बीकानेर। रीट परीक्षा-2021 में चप्पल से नकल करवाने की योजना बनाने वाले गिरोह का सरगना तुलछाराम कालेर आखिर बीकानेर पुलिस के हत्थे चढ़ गया है। गंगाशहर पुलिस व जिला विशेष टीम ने मिलकर आरोपी को जयपुर से दबोचा है। कालेर के अलावा भी तीन आरोपी पुलिस के हाथ लग चुके हैं। हालांकि पुलिस ने अभी तक तुलछाराम की गिरफ्तारी ही दिखाई है। पुलिस के अनुसार आरोपी को जयपुर की अजमेर रोड़, बगरू के पास स्थित माय हवेली के डी ब्लॉक की दसवीं मंजिल से गिरफ्तार किया गया है। वह यहां पिछले 15 दिनों से किराए पर रह रहा था। पुलिस अब आरोपी से पूछताछ करेगी।
कौन है तुलछाराम कालेर?:
तुलछाराम कालेर पुलिस का एक्स सब इंस्पेक्टर है। वह तीन साल तक पुलिस की नौकरी कर चुका है। उसकी पत्नी भी पुलिस विभाग में आरपीएस अधिकारी है। जो अजमेर में पोस्टेड बताई जाती है। करीब दस साल से कालेर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल करवाने वाला गैंग चला रहा है। उसके खिलाफ 2013 व 2014 में भी जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने में मुकदमें दर्ज हो रखे हैं। उसके खिलाफ अजमेर,नागौर, सीकर व बीकानेर में मिलाकर कुल नौ मुकदमें दर्ज है। सूत्रों का कहना है कि कालेर सिस्टम को दीमक की तरह चाट रहा है। उसने पैसों के बदले हजारों युवाओं को फर्जी तरीके से अथवा नकल करवाके सरकारी नौकरी लगाया है।
ये था मामला: हाल ही में रीट परीक्षा
2021 आयोजित हुई थी। तुलछाराम ने इस परीक्षा में नकल करवाने की बड़ी योजना बनाई थी। अपने गैंग सदस्यों के साथ मिलकर आरोपी ने सैकड़ों अभ्यर्थियों से लाखों रूपए व चैक लेकर नकल करवाने की डील की। लेकिन परीक्षा की पूर्व रात्रि को ही डीएसटी व गंगाशहर पुलिस को भनक लग गई और कालेर के गुर्गों को दबोच लिया गया। इस दौरान पुलिस ने गुर्गों सहित अभ्यर्थियों को भी दबोचा। आरोपियों से विशेष प्रकार की चप्पल भी बरामद हुई। इस चप्पल में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस छिपे थे। पुलिस के अनुसार आरोपी नकल करवाने के बदले एक अभ्यर्थी से 5-7 लाख रूपए देता था। गंगाशहर पुलिस द्वारा गिरफ्तार गुर्गों से मिले इनपुट पर जयनारायण व्यास कॉलोनी पुलिस ने भी एक अभ्यर्थी को दबोचा था। लेकिन तुलछाराम फरार हो गया। पुलिस उस तक पहुंच ही नहीं पा रही थी। हाल ही में एसपी योगेश यादव ने मामले में प्रगति हेतु एएसपी शैलेन्द्र सिंह इंदोलिया के डायरेक्ट सुपरविजन में सीओ पवन भदौरिया, सीआई राणीदान चारण, सीआई सुभाष बिजारणियां, सीआई मनोज माचरा मय टीम गठित की। साईबर सैल के हैड कांस्टेबल दीपक यादव को कालेर तक पहुंचने की विशेष जिम्मेदारी दी गई। पुलिस लगातार कालेर का पता लगाने में जुटी थी। पता चला था कि दीपावली पर कालेर बीकानेर भी आ सकता है। मगर 3 नवंबर को साईबर सैल को पता चला कि आरोपी जयपुर में छिपा है। इस पर राणीदान उज्जवल ने उनि राकेश स्वामी मय एएसआई रामकरण सिंह, हैड कांस्टेबल कानदान सांदू, हैड कांस्टेबल दीपक यादव, कांस्टेबल सवाई सिंह, दिलीप सिंह, लखविंद्र सिंह,चंद्रभान व पूनमचंद को जयपुर रवाना किया।
टीम ने जयपुर पहुंचकर उसके माय हवेली में छिपे होने की पुष्टि की। इसके बाद पुलिस टीम में कोई दूधवाला बना तो कोई डिलीवरी मैन व इलेक्ट्रिशियन बना। हुलिया बदलकर पुलिस टीम ने हजारों लोगों के निवास के बीच से कालेर को धर दबोचा।
यहां यहां पहुंची फरारी की सवारी :
रीट नकल प्रकरण के बाद तुलछाराम बीकानेर पुलिस को चकमा देकर चुरू चला गया था। यहां से वह अजमेर, सीकर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व जयपुर गया। बाकी जिलों में वह कहां रुका यह अभी पता नहीं चला है। बताया जाता है कि तुलछाराम हर साल होने वाली करीब सभी परीक्षाओं में नकल करवाता है। एक अनुमान के अनुसार उसने नकल करवाकर करोड़ों की संपत्ति बनाई है।
ये है बड़ा सवाल: सिस्टम और प्रदेश को दीमक की तरह चाट रहा कालेर अब तक आजाद कैसे घूम रहा है। कालेर नकल व फर्जी तरीकों से हजारों युवाओं को सिस्टम में करप्शन का कीड़ा बनाकर घुसा चुका है। करीब दस सालों से वह ये खेल चला रहा है। यहां तक कालेर का भतीजा भी पौरव कालेर भी यही काम कर रहा है। रीट के बाद तुलछाराम फरार था, पुलिस सक्रिय थीं फिर भी पौरव ने पटवार परीक्षा में नकल करवाने की योजना बनाई। पौरव के इस दुस्साहस के पीछे कालेर भी हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक पौरव ना सिर्फ तुलछाराम का रिश्तेदार हैं बल्कि शिष्य भी। पौरव ने नकल का खेल तुलछाराम से ही सीखा है। पटवार परीक्षा के बाद पौरव भी फरार हो गया था। हालांकि उसकी पत्नी भावना को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेसी करवा दिया था। मगर तुलछाराम कालेर की आरपीएस पत्नी अभी भी पोस्टेड है। एक साल से उसका और कालेर का संपर्क टूटा बताते हैं। लेकिन कालेर तो नकल का यह गैंग वर्षों से चला रहा है। ऐसे में उसकी पत्नी का बचे रहना सवाल खड़े करता है।
पुलिस अब आरोपी तुलछाराम को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। इस दौरान पूछताछ व बरामदगी की जाएगी। अब देखना यह है कि प्रदेश के लिए दीमक बन चुके तुलछाराम को पुलिस कितने समय के लिए सलाखों को पहुंचा पाती है।
उल्लेखनीय है कि तुलछाराम पुलिस की नाक का सवाल बन चुका था। ऐसे में दिवाली के मौके पर उसकी गिरफ्तारी से पुलिस ने राहत की सांस ली है। गंगाशहर पुलिस व डीएसटी की यह बहुत बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। तुलछाराम को दबोचने में साईबर सैल हैड कांस्टेबल दीपक यादव सहित हैड कांस्टेबल कानदान सांदू व कांस्टेबल वासुदेव का विशेष योगदान बताया जा रहा है।