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दिल्ली।भारतीय सेना ने रेलवे द्वारा विकसित डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर मंगलवार को सफल ट्रायल को अंजाम दिया। ट्रायल के लिए सेना ने सैन्य वाहनों और उपकरणों से भरी मिलिट्री ट्रेन को हरियाणा के न्यू रेवाड़ी से राजस्थान के न्यू फुलेरा तक चलाया और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) की प्रभावशीलता को प्रमाणित किया। आधिकारिक बयान के मुताबिक रेलवे द्वारा हाल ही में निर्मित डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर से देश भर में सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए मदद मिलेगी। इसके साथ ही सेना, डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) और रेलवे के बीच बेहतर साझेदारी से सशस्त्र बलों के मूवमेंट में भी सकारात्मक तेजी आएगी।सेना द्वारा किए गए ये ट्रायल पूरे देश के हिसाब से किए जा रहे हैं, जिनके जरिए मंत्रालय और विभागों के बीच बेहतर तालमेल और संसाधनों के पूर्ण इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। इसके लिए भारतीय सेना डीएफसीसीआईएल, रेलवे और अन्य साझेदारों संग मिलकर काम करेगी, जिससे सैन्य उपकरणों और जवानों के आवागमन में तेजी आएगी।आधिकारिक बयान में कहा गया है कि निश्चित स्थानों पर डीएफसी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से सेना को काफी फायदा होगा।इस तरह के इंफ्रा को अब औपचारिक रूप दिया जा रहा है। डीएफसी ट्रायल के जरिए सेना की ऑपरेशन क्षमता में काफी इजाफा होगा और तैयारियों में तेजी आएगी। यह पहल योजना के स्तर पर राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के विकास में सैन्य आवश्यकताओं को सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को स्थापित करेगी।

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