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बीकानेर,बीकानेर राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट में बीकाजी के एमडी दीपक अग्रवाल ने जो कहा उसे सरकार, प्रशासन और जिम्मेदार नेताओं को सकारात्मकता से लेना ही बीकानेर के हित में है। वो कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं है। उन्होंने सच को सहज रूप से कहा है। भावना यर्थात से अवगत करवाने की ही रही होगी। वे भी बीकानेर का भला और विकास चाहते ही है। ऐसे आयोजनों में सच कहने की हिम्मत रखने वाले कम ही होते हैं। यह बात तो दरअसल औद्योगिक संगठनों को कहनी चाहिए थी, परन्तु औद्योगिक संगठन के अगुवा तो अफसरों और नेताओं की जी हुजूरी में ही लगे रहते है। शहर को देखकर किसे शर्म नहीं आती? आन लाइन समिट से जुड़े केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को भी दीपक अग्रवाल के सच को सुनकर बेइज्जती महसूस हुई होगी? राजस्थान सरकार के बीकानेर के प्रभारी मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर तो शर्मसार हुए भी होंगे। मंत्री सुमित गोदारा, विधायक जेठानंद व्यास, विधायक ताराचन्द् सारस्वत की हालत भी पतली हुई होगी। जिला प्रशासन के इस आयोजन ने राजस्थान सरकार के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। दीपक अग्रवाल ने जो कहा वो व्यवस्था के समक्ष जिम्मेदारी का बोध करवाने वाला सवाल है। वास्तव में औद्योगिक विकास में इन्फ्रास्ट्रक्चर कितनी बड़ी समस्या है। यह बात नेता, सरकार और प्रशासन के आखों के सामने है। दीपक अग्रवाल ने तो केवल सच कहने की हिम्मत दिखाई। इस सच्चाई को जानते सभी है। ये हिम्मत औद्योगिक संगठन करते तो आज बीकानेर की तस्वीर दूसरी होती। अफसरों का तो क्या वे आज यहां कल वहां। इनको समिट करवानी थी जो हो गई। सरकार की छवि बिगड़े या नेता की बेइज्जती हो अफसरों की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता।
पिछले चार दशक में बीकानेर में कितना विकास हुआ है। बीकानेर के औद्योगिक संगठन, नेता खूब अच्छी तरह से जानते हैं। इस समिट का भी क्या हश्र होने वाला है इनसे छिपा नहीं है। ठीक ही कहा दीपक अग्रवाल ने कि “अगर आधारभूत संसाधनों का विकास नहीं हुआ तो समिट दिखावा बनकर रह जाएगी।“ अगर सच में कहा जाए तो इसके लिए अफसरों की जी हजूरी करने वाले औद्योगिक संगठन भी जिम्मेदार है। नेताओं और अफसरों के स्वागत में लगे ये लोग बीकानेर के विकास में अभिशाप बन रहे हैं। न सच कहते हैं और नहीं सच को प्रकट होने देते हैं। सबकी आरती उतरते रहते हैं। पिछले चार दशक में कितना विकास हुआ है। इस समिट में 131 निवेशकों के 32 हजार करोड़ के एमओयू , चौबीस हजार लोगों को रोजगार के दावे कितने फलीभूत होंगे यह भी अभी से ही स्पष्ट है। कार्यक्रम के अध्यक्ष केन्द्रीय मंत्री का आन लाइन जुड़ना और भाषण देना सबसे महत्वपूर्ण है। मेघवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की पहल पर प्रदेश और जिला स्तर पर इन्वेस्टमेंट समिट आयोजित किए जा रहे हैं। इससे निवेश के नए रास्ते खुलेंगे और आने वाले समय में राजस्थान औद्योगिक दृष्टि से अग्रिम पंक्ति में होगा। मेघवाल ने कहा कि बीकानेर में हवाई सेवाओं के विस्तार की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं। दिसंबर तक वंदे भारत एक्सप्रेस यहां से शुरू करवाने का प्रयास किया जा रहा है। जिले में ड्राई पोर्ट की स्थापना की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बीकानेर को विकास की दृष्टि से किसी कीमत पर पीछे नहीं रहने देंगे। समिट के दौरान किए गए सभी एमओयू समयबद्ध क्रियान्वित किए जाएंगे। जब केन्द्रीय मंत्री एमओयू के क्रियान्वयन समेत उक्त आश्वासन दे रहे हैं तो फिर तो बीकानेर के औद्योगिक विकास में चार चांद लगने ही है। प्रशासन, औद्योगिक संगठन और बाकी नेता तो उनकी एमओयू क्रियान्वयन की भावनाओं के साथ ही है। दीपक अग्रवाल ने जो कहा उम्मीद है उसमें भी सुधार होगा ही। बाकी यह समिट शामिल लोगों के लिए आने वाले समय तक एक सवाल बना रहेगा।

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