बीकानेर। टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग कितना लापरवाह है ये सामने आ रहा है। कई बार देखा जा रहा है इनकी लापरवाही आमजन पर भारी पड़ती नजर आ रही है। शहर की कई डिस्पेंसिरियों पर तो कार्य करने वाले कर्मचारी टीकाकरण करते समय कुछ भी सावधानी नहीं रखते है। अब नया केस सामने आया है नोखा के पांचू सीएचसी से जहां एक अधेड़ के पहली डोज कोवैक्सीन लगी हुई थी लेकिन दूसरी डोज कोविशील्ड लगा दी। जिससे उसके शरीर पर गांठे और लानल चकते बन गय। जब इसने इसकी शिकायत की तो विभाग अपनी लापरवाही छूपने के लिए उसका इलाज करवाना तो दूर की बात उस पर शिकायत उठाने का दबाब बनाया जा रहा है। नोखा के पूनमचंद पचार ने 29 मई को पांचू सीएचसी पर वैक्सीनेशन कराया था। उस वक्त उनके कोवेक्सीन की डोज लगाई गई थी। दूसरी डोज लगवाने के समय पचार नौ जुलाई को वापस पांचू सीएचसी पहुंचे। उनके दूसरी डोज कोविशील्ड लगा दी गई। वैक्सीन लगने के बाद पचार घर ना जाकर अपनी दुकान पर चले गए। 11 बजे बाद उनके मोबाइल पर कोविशील्ड लगाने का मैसेज आया तो हैरत में पड़ गए। शाम को उन्हें थकान और दर्द का अहसास हुआ। हल्का बुखार भी था। पचार को पता था कि वैक्सीन से बुखार आता है। इसलिए वे चिंतित नहीं हुए। अगले ही पल उनके शरीर में खुजली होने लगी। शर्ट खोलकर देखा तो सीने और पेट पर लाल रंग के चतके उभर आए थे। गले तक गांठें हो गई थीं। पूनमचंद घबरा गए। उन्होंने गांव में ही एक प्राइवेट प्रेक्टिशनर को दिखाया। उनका ब्लड प्रेशर उस वक्त 124/190 था।
उन्होंने वैक्सीन की डोज गलत लगाने की शिकायत संपर्क पोर्टर पर कर दी। उससे यह बात प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में फैल गई। पूनमचंद ने बताया कि संपर्क पोर्टल से शिकायत वापस उठाने के लिए रोजाना दबाव डाला जा रहा है। स्वास्थ्य कर्मी बार-बार फोन कर रहे हैं। पांचू सीएचसी प्रभारी डॉ. नंद किशोर सुथार को दिखाया तो बोले, गलत डोज नहीं लगी है।