बीकानेर / चूरू,विकसित और आत्मनिर्भर भारत’के लक्ष्य को,2047 तक प्राप्त करने के संकल्प को,सिद्धि तक पहुंचाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार ने बड़ी पहल करते हुए चूरू के राजगढ़ के सादुलपुर स्थित आशा देवी महाविद्यालय में कारीगरों को मशीनरी और टूलकिट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया। वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत कारीगरों को 380मशीनरी और टूलकिट का वितरण किया।
वितरण कार्यक्रम के दौरान केवीआईसी के मंडलीय कार्यालय बीकानेर के चूरू और झूंझुनू जिले के 100 कुम्हारों को विद्युत चालित चाक, 100 कारीगरों को लेदर टूलकिट, जिला हनुमानगढ़ के 40 कारीगरों को टर्नवुड क्रॉफ्ट और 40 वुडन टॉय मेकिंग मशीन। हनुमानगढ़ जिले के 10 मधुमक्खी पालकों को 100 मधुमक्खी बॉक्स का वितरण किया गया। लाभार्थियों को संबोधित करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि केवीआईसी द्वारा बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग की विभिन्न योजनायें चलाई जा रही है, जैसे-खादी कारीगरों के लिए वर्कशेड, केआरडीपी, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, स्फूर्ति कार्यक्रम तथा ग्रामोद्योग विकास योजना में परम्परागत उद्योग को जीवन्त रखने के लिए कुम्हार सशक्तीकरण कार्यक्रम, मधुमक्खी पालन (हनी मिशन), चर्म उद्योग, अगरबत्ती उद्योग, हाथकागज उद्योग, टर्न वुड क्राफ्ट तथा सेवा क्षेत्र में इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर के लिए कई योजनायें चलाई जा रही है। इसी के अंतर्गत इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। ग्रामोद्योग विकास योजना के अंतर्गत केवीआईसी ने अभी तक 27 हजार से अधिक कुम्हार भाइयों और बहनों को विद्युत चालित चॉक का वितरण किया है, जिससे 1 लाख से अधिक कुम्हारों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। इसी योजना के तहत 6000 से अधिक टूलकिट और मशीनरी का वितरण किया गया है, जबकि हनी मिशन योजना के अंतर्गत अभी तक 20,000 लाभार्थियों को 2 लाख से अधिक हनी बी-बॉक्स और बी कॉलोनी का वितरण किया गया है।
कारीगरों से सीधा संवाद करते हुए केवीआईसी अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार की गारंटी ने खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया है। पिछले 9 वर्षों में ‘नये भारत की नयी खादी’ने‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’को नयी दिशा दी है। जिसके परिणाम स्वरूप इस कालखंड में खादी उत्पादों की बिक्री में चार गुना से अधिक की बिक्री दर्ज की गई है। खादी की उत्पादन और बिक्री बढ़ने से ग्रामीण भारत के कारीगर आर्थिक रूप से समृद्ध हुए हैं। उन्होंने आगे बताया कि कारीगरों की पारिश्रमिक में पिछले 9 वर्षों में 233 फीसदी से अधिक की वृद्धि ने कारीगरों को खादी के काम की ओर आकर्षित किया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान ने खादी को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में कुल 158 खादी संस्थाएं कार्यरत हैं। वर्ष 2022-23 में इन संस्थाओं ने लगभग 149.50 करोड़ रुपये का उत्पादन और लगभग 243.50करोड़ रुपये की बिक्री दर्ज की। इसके माध्यम से यहां पर 30 हजार से अधिक खादी कारीगरों को रोजगार प्रदान किया गया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत राजस्थान में अबतक 30,215 नयी इकाइयों की स्थापना की गयी जिससे 2.52 लाख नये रोजगार का सृजन हुआ है। पीएमईजीपी के तरह राजस्थान में अभीतक 871.24 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण भारत सरकार ने अभी तक किया है।इस अवसर पर केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’और ‘मेक इन इंडिया’मंत्र ने खादी को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है। पिछले 9 वर्षों में खादी और ग्रामोद्योगी उत्पादों का कारोबार 1.34 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है, जबकि इस दौरान 9.50 लाख से अधिक नये रोजगार का सृजन हुआ है।
वितरण कार्यक्रम में खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि, खादी कार्यकर्ता और कारीगर, ग्रामोद्योग विकास योजना के लाभार्थियों समेत बैंकों के प्रतिनिधि, केवीआईसी, केवीआईबी और राजस्थान सरकार के अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।