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जयपुर,राजस्थान हाईकोर्ट ने मौजूदा शिक्षा सत्र में अल्प आय वर्ग के बच्चों को प्री-प्राइमरी कक्षाओं में नि:शुल्क शिक्षा के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत प्रवेश की व्यवस्था जारी रखने का आदेश दिया है। वहीं पिछले सत्र में आदेश की पालना में खामियों को लेकर नाराजगी जाहिर की।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश समीर जैन की खंडपीठ ने अभ्यूथानम सोसायटी और स्माइल फॉर आल सोसायटी की जनहित याचिकाओं पर यह अंतरिम आदेश दिया। इस मामले में अंतिम सुनवाई के लिए 28 जून की तारीख तय की है। याचिकाओं में शैक्षणिक सत्र 2020-21 से प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई कानून के तहत बच्चों को प्रवेश नहीं देने के नियम को चुनौती दी गई है।
स्माइल फॉर आल सोसाइटी की ओर से अधिवक्ता विकास जाखड़ ने कहा कि प्रथम कक्षा से प्रवेश दिए जाने से गरीब व वंचित वर्ग के बच्चे निजी स्कूल में पहले से अध्ययनरत बच्चों से पिछड जाते हैं। ऐसे में प्रवेश प्री-प्राइमरी कक्षाओं से ही दिलाया जाए। आरटीई कानून के तहत प्री प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश दिया जाता रहा है। लेकिन राज्य सरकार ने नियमों की मनमानी व्याख्या करते हुए 2019-20 सत्र से आरटीई के तहत प्रथम कक्षा से प्रवेश देने का फैसला किया। इससे गरीब बच्चों का प्रवेश बाधित हुआ है, जो कानून की मूल भावना के खिलाफ है।

कोर्ट ने 23 अक्टूबर 2021 को बच्चों को प्री—प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश का अंतरिम आदेश दिया, लेकिन इसकी पालना नहीं की गई। सोसायटी ने इस बारे में लिखित प्रार्थना पत्र पेश कर कोर्ट से शिकायत की है। इस पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश को बरकरार रखते हुए राजस्थान सरकार को प्री-प्रइमरी स्कूल में प्रवेश सुनिश्चित करने को कहा है।

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