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बीकानेर-पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी ने आयुक्त सिंचित क्षेत्र विकास विभाग, जल संसाधन मंत्री भारत सरकार व जल संसाधन मंत्री राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर 30 मार्च तक पचास प्रतिशत नहरें बारी-बारी से चलाकर काश्तकारों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाने के लिए जल वितरण कार्यक्रम में बदलाव का पत्र लिखकर इंदिरा गांधी नहर परियोजना के किसानों को वर्तमान में पचास प्रतिशत (चार में से दो ग्रुप) नहरें चलाकर पानी दिया जाए परन्तु 06.10.2023 को आपके द्वारा घोषित सिंचाई जल वितरण कार्यक्रम में 14 दिसम्बर 2023 से नहरें 33 प्रतिशत (तीन में से एक ग्रुप) के हिसाब से चलाने का जल वितरण कार्यक्रम बनाया है। इस कार्यक्रम से किसानों को लम्बे समय से 25 से 31 दिन बाद पानी मिलेगा यहां के किसान सरसों, चना व गेहूं कुछ भी नहीं बचा पाएंगें ।

सिंचाई विभाग ने 20 मई तक पाँगडेम में पानी 1301 फीट लेवल तक ही खाली कर सकते है ऐसा मानकर जल वितरण कार्यक्रम बनाया है गत चार वर्षों से भी यही मानकर कार्यक्रम बनाये गए थे। फसलें बर्बाद हुई थी गत वर्ष भी 33 प्रतिशत नहरें चलाकर किसानों कि फसलें बर्बाद कर दी ओर 20 मई 2023 को पोंगडेम में पानी था, 1333 फीट बचा और वर्षा ऋतु में रावीं एवं व्यास दोनों नदियों के बांधों का लाखों क्युसेक इंज पानी पाकिस्तान के लिए छोड़ना पड़ा। यहां तक कि रणजीत सागर डंम तो गत वर्ष से भी तीस फीट कम कर दिया। इस बार भी राजस्थान के सिंचाई अभियन्ता उसी मार्ग पर चल रहे हैं, जिसमें बदलाव के लिए पत्र लिखा गया हैं ।

पत्र के साथ आज डॉ. विश्वनाथ मेघवाल पूर्व संसदीय सचिव, वैद्य नरेन्द्र आर्य प्रान्तीय संयोजक भारतीय किसान मजदूर महासंघ, दीपसिंह सांखला, देवीलाल मेघवाल, नरेश कुमार नायक सहित नहरी क्षेत्र के काश्तकारों ने मिलकर आयुक्त सिंचित क्षेत्र विकास विभाग को जल वितरण कार्यक्रम में बदलाव कर पानी उपलब्ध करवाने के लिए कहा। भाटी ने पत्र में लिखा है कि दिनांक 13.10.2023 से पूर्व जल वितरण कार्यक्रम में बदलाव नहीं किया गया तो आयुक्त सिंचित क्षेत्र विकास विभाग कार्यालय का घेराव कर जबाब तलबी कर काश्तकारों को हक का पानी दिलवाया जावेगा

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