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बीकानेर,राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को अलवर और आस पास के क्षेत्र में तीन दिन तक रहकर नजदीक से विभिन्न पहलुओं से देखा। अब राहुल पप्पू नहीं रहे। कांग्रेस परिवार की पार्टी नहीं रहीं। और नेतृत्व भी उभरता हुआ जान पड़ा। विवादों की धुंध भी छटती हुई दिखाई दी। यात्रा की सोच और विजन से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में सत्ता पक्ष के खिलाफ चुनौती का नया बीजारोपण हुआ है। मालाखेड़ा की जनसभा में भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे, जय राम रमेश, रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने जो इंप्रेशन दिए वो राजस्थान में कांग्रेस को मजबूत करने वाले हैं। यात्रा के विजन और सोच का असर संगठन और कार्यकर्ताओं में उतरता हुआ जान पड़ता है। बेशक राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा उद्देश्यों में सफल रही। इसका असर भाजपा पर भी हुआ है। इस यात्रा में राजस्थान सरकार के सभी मंत्री, कांग्रेस विधायक, बोर्ड, न्यास, निगमों के अध्यक्ष, संगठन के पदाधिकारी और आगामी विधानसभा में टिकट पाने के इच्छुक नेताओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। राजस्थान यात्रियों में बीकानेर कांग्रेस की भी तस्वीर भी दिखाई दी। बीकानेर के तीन मंत्री डा कल्ला, भंवर सिंह भाटी, गोविंद राम के अलावा सरकार में पदासीन रामेश्वर डूडी, लक्ष्मण कड़वासरा, महेंद्र गहलोत, हजारी राम के अलावा नोखा व बीकानेर पूर्व से कन्हैया लाल झंवर, वीरेंद्र बेनीवाल, मंगलाराम गोदारा दल बल के साथ यात्रा में दिखाई दिए। प्रदेश कांग्रेस सचिव गजेंद्र सांखला, जियाउर रहमान, बीकानेर शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत, उपाध्यक्ष अरविंद मिढ्ढा, मोहब्बत अली, नितिन वत्स राज कुमारी व्यास, कई पार्षद और पदाधिकारी यात्रा का हिस्सा रहे। यात्रा में शामिल कुछ टिकटार्थी, कुछ पद की चाह वाले, कुछेक पार्टी में सक्रियता दर्ज करवाने वाले भी आए।
बीकानेर से जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत के नेतृत्व में दोनो विधानसभाओं से 25 बसों और 30 छोटी गाड़ियों से कांग्रेसी अलवर आए यह दावा कितना सच है ? खुद दावा करने वाले भी जानते हैं। कन्हैया लाल कल्ला के नेतृत्व में बसे जरूर देखी गई उन्होंने मिड वे पर बसों से आए लोगों को खाना भी खिलाया। वो दस बसें बता रहे थे। पूर्व विधान सभा से कन्हैया लाल झंवर ने शाहपुरा की एक होटल में लोगों को ठहराया उनका कहना था कि वे करीब 150 लोग एक बस और छोटी गाडियां में लाएं हैं। कुल मिलाकर 25 बसें पूरे जिले से भी नहीं थी। यशपाल गहलोत तो शायद एक भी बस नहीं लाए थे दावा किया गया कि 25 बसें और 30 छोटे वाहन उनके नेतृत्व में आए ऐसी झूठे राजनीतिक दावे भी श्रेय पाने के लिए भारत जोड़ो यात्रा में किए गए। खेर झूठ कपट भी राजनीति का हिस्सा है। जो मंत्री भी करते हैं और संगठन के पदाधिकारी भी। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की सोच और विजन पर यह कालिख है।

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