बीकानेर,बीकानेर के प्रभारी मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर विजन वाले पॉलिटीशियन है। परंतु वे करें क्या ? बीकानेर से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राजस्थान से मंत्री सुमित गोदारा और विधायक जेठानंद, सिध्दि कुमारी, अंशुमान सिंह भाटी, तारा चंद सारस्वत , डा. विश्वनाथ मेघवाल को बीकानेर की जन समस्याओं और विकास के मुद्दे पर बात करने की ही फुर्सत नहीं है। इन्होंने एक वर्ष में प्रभारी मंत्री के समक्ष विकास का कोई प्रपोजल नहीं रखा। स्वीकृत कार्यों की स्थिति के बारे में जानने की कोशिश भी नहीं की। यह बात तब स्पष्ट हुई जब प्रभारी मंत्री ने प्रेस को बताया कि बीकानेर जिले में शहर के दो विधायक, केन्द्रीय मंत्री, ग्रामीण विधायक व प्रदेश में मंत्री है। वे इन समस्याओं को हमारे समक्ष रखे। प्रशासनिक अधिकारी वे इनको भेजे। कोई तकनीकी दिक्कत आती है। उसका निस्तारण अधिकारी स्तर पर होगा। बाद में हमारे पास आएगा। मैं अर्जुन जी को रिक्वेस्ट करूंगा कि वे विधायकों के साथ बैठकर इन समस्याओं को शॉर्ट आउट करेंगे। यह प्रभारी मंत्री की पीड़ा है कि उनके पास कोई नेता विकास के मुद्दे ओर जन समस्याओं को लेकर नहीं आया। प्रेस कान्फ्रेस में पत्रकारों ने बीकानेर विकास और लम्बित समस्याओं की तरफ उनका ध्यान आकर्षित किया था। आप विडंबना देखिए कि केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंचों से बीकानेर में विकास के जनता से कई वादे किए और घोषणाएं भी की है। बीकानेर की जनता ठीक से जानती है कि मेघवाल के प्रयासों से बीकानेर में कितना विकास हुआ है? गैस पाइप लाइन नहीं आई। ड्राइपोर्ट नहीं बना, मेगाफूड पार्क नहीं बना। राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिली। हवाई सेवाओं का पर्याप्त विस्तार नहीं हुआ। टेक्सटाइल पार्क, कारपेट और हैंडीक्राप्ट कलस्टर नहीं बना। खनिज आधारित उद्योंगों को आधारभूत संसाधन नहीं मिले। एक्सपोर्ट हब नहीं बना। अर्जुन राम मेघवाल ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए कितना विकास का काम कर पाएं है बताने की जरूरत नहीं है। और क्या किया है वे सार्वजनिक जीवन में छिपा नहीं रह सकता। खैर विधायक सिद्धि कुमारी का बीकानेर के विकास में योगदान को भी जनता जानती है। वे चौथे टर्म से विधायक है। जैसी उनकी कार्य प्रणाली है जनता को उनसे ज्यादा विकास की उम्मीद भी नहीं है। डा.विश्वनाथ को छोड़कर बाकी विधायक नए है। स्थिति यह है कि कोई जनप्रतिनिधि बीकानेर के विकास के मुद्दे पर बोलता ही नहीं है। रेलवे क्रासिंग पर निर्माणाधीन पुल, कोटेगेट रेलवे क्रासिंग, औद्योगिक अपशिष्ट जल शोधन संयंत्र, प्रस्तावित औद्योगिकी क्षेत्रों में आधारभूत विकास, गंदे और वर्षाती पानी की निकास, रिंग रोड और शहरी सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया है। ये बीकानेर की ज्वलन्त समस्याएं है। बीकानेर में कौशल विकास केन्द्र व सेंटर फोर एक्सीलेंस, पुरा सम्पदा का संरक्षण पीबीएम में ओपीडी व्यवस्था का केन्द्रीयकरण जैसे मुद्दों पर ध्यानार्षण के बाद प्रभारी मंत्री को कहना पड़ा कि मैं केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम से रिक्वेस्ट करूंगा कि विधायकों के साथ बैठ कर इन समस्याओं को शॉर्ट आउट करें। यह बात दीगर है कि भाजपा के छह विधायकों में सुमित गोदारा को छोड़कर कितने विधायक अर्जुन राम के साथ बैठना पसंद करेंगे। प्रभारी मंत्री जी आपकी प्रेस के समक्ष रखी सूची से स्पष्ट है कि राजस्थान में भजन लाल सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में बीकानेर में कोई विकास के काम नहीं हुए है प्रस्तावित काम होने शेष है। राजस्थान सरकार का बीकानेर में विकास पर प्रभारी मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले पत्रकारों ने उन्हें उक्त बीकानेर कलंबित समस्याएं और विकास की प्रस्तावित योजनाओं के बारे में मंत्री का ध्यान खींचा।
प्रभारी मंत्री प्रशासन की ओर से बीकानेर के विकास की एक सूची लेकर आए जिसमें सरकार ओर से घोषित योजनाएं और प्रस्तावित कार्य मात्र थे। प्रशासन भी जानता है कि एक साल में बीकानेर में कोई विकास नहीं हुआ। प्रभारी मंत्री ने न्यास को प्राधिकरण बनाने, 295 किलोमीटर लंबाई के कोटपूतली बीकानेर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को विकास की उपलब्धि बताया। बीकानेर विकास के संबंध में बजट में कई घोषणाएं और योजनाओं के बारे में बताया। प्रभारी मंत्री जी आप का राजस्थान की राजनीति में अच्छा खासा कद है। बीकानेर के लोगों को आप से बहुत सी उम्मीदें है। आपसे अपने स्तर पर लंबित मुद्दों और समस्याओं के समाधान की बीकानेर के लोग उम्मीद रखते हैं। मंत्री जी जरा प्रशासन को चुस्त दुरुस्त तो करो और विधायकों को आप ही बुलाकर मुद्दों पर बात करेगे तभी कुछ हो पाएगा। बीकानेर की राजनीति और नेताओं को तो आप ने भी देख लिया। यहां की जनता का नेताओं पर कितना भरोसा है आपने साल भर में समझ ही लिया होगा। जन कल्याणकारी सरकार को तो विकास करवाना ही है। आप देखें।