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बीकानेर,भगवान श्रीकृष्ण के भक्तजनों की ओर से शास्त्री नगर की वीर हनुमान वाटिका परिसर में शनिवार को भागवत कथा रसोत्सव प्रभु नाम संकीर्तन, मंडप शुद्धिकरण व पूजन, षोडश मातृका, नवग्रह, भागवत, श्रीकृष्ण, श्री हनुमान आदि देवों का पूजन के साथ शुरू हुआ। कथा स्थल पर भागवत का मूल पाठ व द्वादश अक्षर मंत्र का जाप शुरू हुआ।
कथा का वाचन विवेचन करते हुए श्री मरूनायक व्यास पीठाधीश्वर पंडित भाईश्री ने कहा कि भागवत कथा भक्ति, ज्ञान व वैराग्य को प्रदान करने वाली, पाप रोग,शोक, दुख व दारिद्र दूर करने वाली,कलयुग में भव सागर से तारने वाली अनुपम औषधि है। इसके व्याख्यान को सुनकर उस पर मनन करने से प्रभु भक्ति बढ़ती है तथा आत्म व परमात्म तत्व की प्राप्ति होती है।
पंडित भाईश्री ने कहा कि कलयुग में आत्म व परमात्मा की प्राप्ति का सरल व सुगम साधन प्रभु भक्ति है। परमात्म भक्ति से जीवन में आने वाली कष्ट, विकार व समस्याएं दूर होती है। जीवन में नकारात्मकता भाव मिटते है तथा प्रभु व प्राणी मात्र के प्रति सकारात्मक भाव जागृत होती है। भाव से ही भगवान मिलते है। अनन्य भाव से परमात्मा को भजने वाले अनेक भक्तों को प्रभु की प्राप्ति होती है। उन्होंने 24 अवतारों की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान ने अधर्म को नष्ट करने, सनातन धर्म की स्थापना करने व भक्तों की रक्षा के लिए सभी अवतार लिए। भगवान के अवतारों की सभी लीलाएं लौकिक के साथ अलौकिक व सर्व कल्याणकारी है। उन्होंने गौकर्ण कथा, राजा परीक्षित का जन्म व जन्म व सुखदेव जी महाराज के आगमन के प्रसंग को भक्ति गीतों के साथ, प्रभु नाम स्मरण करवाते हुए किया।
भागवत पुराण, षोडश मातृका, नवग्रह आदि का पूजन श्रीमती अंजू-डॉ.प्रमोद ठकराल, निशा-मनोज जैन, गुड्डू व निशा मारू, रेखा व मुकुल खत्री ने करवाई। कथा नियमित दोपहर सवा तीन बजे से शाम सवा छह बजे तक नियमित एक सप्ताह चलेगी। कथा श्रवण करने के लिए पवनपुरी, ड्यूप्लेक्स कॉलोनी, शास्त्री नगर सहित शहर के विभिन्न मोहल्लों व कॉलोनियों के श्रद्धालु पहुंच रहे है। पंडित भाई श्री के भजनों के साथ महेश चूरा व रमण सांखला ने संगत की।

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