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बीकानेर के संयोजन समाजसेवी हनुमान प्रसाद धामू की स्मृति में एमएम ग्राऊंड के पीछ स्थित “नवरत्न शिवलाल धामू निवास” में हो रही श्रीमद्भागवत सप्ताह का शुभारंभ श्रीछैल बिहारी जी महाराज के मुखारविंद से प्रथम दिवस का भागवत कथा वाचन शुभारंभ हुआ। कथा से पूर्व कालीमाता मन्दिर विश्व कर्मा गेट से प्रातः स्वामी विमर्शानंद जी महाराज के सानिध्य में भव्य कलश यात्रा निकली।।जिसमें श्रद्धालु भक्तजनों ने नाच गाकर हरिनाम संकीर्तन बैंड बाजे की धुन के साथ किया।पहले दिवस श्रीमति कमला देवी धामू के आशीर्वाद के साथ धामू परिवार द्वारा समाजसेवी हनुमान प्रसाद धामू की स्मृति में कथा हो रही है भागवत महात्म्य की विस्तृत व्याख्या भक्ति ज्ञान वैराग्य प्रसंग द्वारा बालसंत जी ने नारद जी द्वारा भक्ति भक्ति ज्ञान वैराग्य के कष्टों की निवृत्ति हेतु सनतकुमारों से कथा श्रवण कराने का प्रसंग विस्तृत व्याख्या द्वारा बतलाया। भागवत कथा शरण चिंतन एवं मनन करने संबंधित एवं भागवत को सप्त दिवसीय सुनते हुए के नियमों का पालन करें की महत्वता बतलाते हुए श्री छैल बिहारी जी ने भक्ति ज्ञान वैराग्य के कष्टों की निवृत्ति के साथ-साथ स काम भक्ति एवं निष्काम भक्ति के प्रसंग के माध्यम से भागवत एवं समस्त पुराणों मे भोग की व्याख्या के बारे में बतलाया गया है”कि वह तो आपको अपने कर्मानुसार भोगना ही पड़ेगा,अच्छा करोगे अच्छा भोगोगे, बुरा करोगे बुरा भोगोगे। फिर भी हम अपने क्षणिक सुखों को पाने के लिये जाने अन्जाने पापकर्म कर बेठते हे। हम सब मे वो अविनाशी परमात्मा का निवास है।वो गलत सही का भेद भी अंतर्मन से करवाता है। फिर हम अगर नहीं माने तो एक दिन हमारा कर्म ही हमारा निर्माण ओर विनाश का जिम्मेदार होगा।अत: हर जीव निस्वार्थ भक्ती करे।तो सद्बबुद्धि ही हमारा जीवन जीने का हुनर बन जाती है।। व्यास तिलक व श्रीमद भागवत पुराण का पुजन नवरत्न धामू ने सप्तनिक करवाया।।भागवत कथा में सेवा श्रम रूपकिशोर नवरत्न शिवलाल धामू ,हरिकिशन नागल ओमप्रकाश कुलरिया, देेवकिशन गैपाल,नितेश आसदेव

,शंकरलाल नागल,नंदनी पुरोहित एवं पंडित चुन्नीलाल शास्त्री संपूर्ण कथा मैं व्यवस्था एवं पौध वितरण व्यवस्था का कार्य प्रभार संभाल रहे हैं।

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