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बीकानेर,ठाकुर भदौरिया ने लापता हो रहे माशूम बालक बालिकाओं के प्रकरणों में राजस्थान देश में तीसरे स्थान पर क्यों राज्य सरकार गम्भीरता क्यों नहीं, आज एक ई मेल के माध्यम से गुमसुदा तलाश केंद्र इण्डिया077के राष्ट्रीय अध्यक्ष,तथा बचपन बचाओ टास्क फोर्स इंडिया077के संरक्षक व स्पेशल जुवेनाइल चाइल्ड वैलफेयर पुलिस अधिकारी रेलवे के ठाकुर दिनेश सिंह भदौरिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक अत्यंत ही गंभीर और महत्वपूर्ण पत्र लिखकर आग्रह किया कि हाल ही में एक सर्वे के अनुसार सम्पूर्ण भारत में बालक बालिकाओं के लापता होने के मामलों में राजस्थान तीसरे नंबर पर है ये बहुत ही शर्मनाक है राजस्थान प्रान्त के लिए अपने 40 साल के सेवा काल के दौरान तीनों संगठनो के माध्यम से ठाकुर भदौरिया व उनकी टीम के द्वारा अब तक संभवतः6700से अधिक लापता लोगों की तलाश करके उनके परिजनों तक पहुंचाने का कार्य कर चुके हैं इन्ही कारणों वस भदौरिया को राष्ट्रपति पुरुष्कार, रेड एंड व्हाइट बहादुरी पुरुष्कार मिल चुका है भदौरिया ने आज राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कर अफ़सोश जताया कि आपकी सरकार, ग्रह मंत्रालय व राज्य की पुलिस लापता प्रकरणों में कभी भी गंभीर नही रही है केवल समय समय पर ओपचारिकता निभाने के ढोंग किया जाता रहा है अगर राज्य सरकार गंभीरता पूर्वक लापता लोगों की तलाश प्रारम्भ करे तो इन बातों से इनकार नहीं किया जा सकता है कि हरियाणा, दिल्ली, बिहार, पंजाब व महाराष्ट्र के सहरों से दूर दराज इलाको यानी खेतों फार्म हाउसों, बड़े बड़े गायों के रखने वाले तबेलों होटलों में बंधुआ मजदूर के तौर पर इन माशूम बच्चों को कैद करके रखा जाता है इन संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है राजस्थान के किसी भी सहर के किसी भी थानों में जब कोई परिजन अपने माशूम बच्चों के लापता होने की शिकायत आदि लेकर आता है तो75प्रतिशत यह देखने में आता है कि थाने में फरियादी की सुनवाई वास्तव में गंभीरता से नही होती ये न्याय संगत नहीं है भदौरिया ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि जल्द ही सम्पूर्ण राज्य में तीन महीने तक एक विशेष अभियान चलाया जावे जिसमें राज्य में अब तक कितने बालक बालिका, महिला पुरुष लापता हैं और कितने समय से लापता हैं भदौरिया ने कहा कि वो स्वयं तथा उनकी टीम निश्वार्थ भाव से निशुल्क तौर पर राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग देने का संकल्प भी लेती है भदौरिया ने मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया केवल बीकानेर संभाग में ही पिछले आठ या दस वर्षों का रिकॉर्ड अगर पुलिस बड़ी ही ईमानदारी से खंगालने की कोशिश करें तो संभवतः 18वर्स से कम उम्र के लगभग 800से अधिक बच्चों का आज तक कोई पता नहीं चल पाया है भदौरिया ने राज्य के पुलिस के आलाधिकारियों को भी इस प्रकरण में पत्र भेजे हैं

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