बीकानेर छत्तरगढ़ थार की धरा पर चमकने वाला सूरज किसानों के लिए सौगात लेकर आया है। खेती में सौर ऊर्जा के प्रयोग ने छत्तरगढ़ उपखंड क्षेत्र के पांच सौ से ज्यादा | किसानों की बिजली बिल की चिंता मिटा दी है। सौर ऊर्जा के कारण कल-कल चलते फव्वारे न केवल किसानों के खेतों को लहलहा रहे हैं वरन सरकार को महंगी बिजली खरीदने में कुछ राहत दे रहे हैं। अब दस हॉर्स पावर तक के सौर ऊर्जा संयंत्र पर अनुदान मिलने से किसानों की रुचि और बढ़ी है।
छत्तरगढ़ क्षेत्र के धरतीपुत्रों का सिंचाई के प्रति रुझान पिछले कुछ सालों से बढ़ा है। दिनोंदिन खोदे जा रहे पाताल तोड़ कुओं की तादाद बढ़ने के साथ कृषि कनेक्शन को लेकर फाइलें जमा होने लगी। लेकिन बिजली की कमी के चलते डेढ़ दो साल तक किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में किसान विकल्प की तलाश में थे। जिसकी पूर्ति सौर ऊर्जा संयंत्र ने पूरी कर दी। तहसील में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की शुरुआत 2015 में सौर ऊर्जा संयंत्र के नाम से शुरू हुई तो किसानों की रुचि कम थी। क्योंकि तब दो व पांच होर्स पावर के संयंत्र पर ही सब्सिडी मिल रही थी।
वर्ष 2018 में साढ़े सात व दस होर्स पावर के संयंत्र पर भी सब्सिडी मिलने लगी। ऐसे में तीन सौ से लेकर पांच सौ फीट की गहराई तक के कृषि कुओं पर भी सौर ऊर्जा संयंत्र लगने लगे हैं। किसानों की रुचि बढ़ने से अब तक जिले में एक हजार से ज्यादा कृषि कुएं सौर ऊर्जा संयंत्र से चल रहे हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2018 पीएम कुसुम कम्पोनेट बी के नाम से योजना का संचालन चल रहा है।
बिना सब्सिडी भी सैकड़ों
कनेक्शन
सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में एक तरफजहां • किसान सब्सिडी को लेकर योजना के तहत फाइलें जमा करवा रहे हैं तो सैकड़ों किसानों ने हाथोंहाथ कनेक्शन की सुविधा पर बिना सब्सिडी के भी संयंत्र लगा रखे हैं। ऐसे में छत्तरगढ़ क्षेत्र में करीब एक हजार सौर ऊर्जा संयंत्र खेतों में लगे हुए हैं।
नहीं लगता बिल का झटका
सौर ऊर्जा संयंत्र एक बार लगाने के र माह बिजली का बिल भरने की चिंता किसानों की मिट जाती है। ऐसे में किसान भी खुश है कि एक बार कनेक्शन होने पर बिजली कटौती की चिंता तो खत्म होती ही हैएबिल भरने का झंझट भी खत्म हो जाता है।
वरदान बनी योजना
सौर ऊर्जा की योजना जिले के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। यह किसानों की आय का एक जरिया बनकर उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करेगी।
रामस्वरूप लेगा, कृषि पर्यवेक्षक, सतासर