Trending Now












बीकानेर,सूदखोरी (ब्याज) का जानलेवा कारोबार जिलेभर में फैल रहा है। शहर में कई ऐसे ब्याज माफिया 10 रुपए से लेकर 30 रुपए सैकड़ा तक ब्याज वसूल रहे हैं। ऐसे में कर्जदार कभी इनसे मुक्त हो ही नहीं पाता। सूदखोरों के मकड़जाल में आने के बाद कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं तो कई लोगों को अपनी जमा पूंजी व संपत्तियां बेचकर सूदखोरों से पिछा छुड़वाना पडा। बडे अफसोस की बात है कि जिम्मेदार महकमे के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से गुरेज कर रहे हैं।

सूदखोरी का धंधा दबंग लोगों के हाथों में

सूदखोरी के धंधा दबंग लोग कर रहे हैं। इनका खुद का गिरोह है जो उधार लिए रुपए समय या ब्याज समय पर नहीं देने वालों के घर जाकर उसे धमकाने से लेकर मारपीट करने तक का काम करता है। सूदखोरी के धंधे में कई सफेदपोश लोगों ने रुपया लगा रखा है जो अपने गुर्गों के माध्यम से जरूरतमंदों को रुपया मोटे ब्याज पर देते हैं। शहर से लेकर गांव-ढाणी तक इनका नेटवर्क फैला है। यह गिरोह मध्यम वर्ग या साधन संपन्न परिवारों के किशोर और युवाओं का फंसा लेते हैं। युवा व किशोर ब्याज पर लिए रुपयों से एशोआराम करते हैं। गाड़ी, अच्छे कपड़े और अन्य फैशन सामग्री के चक्कर में युवा व जरूरतमंद लोग 10 से 30 रुपए सैकड़ा तक में रुपए ले रहे हैं। सूदखोर राशि देने से पहले हर महीने का ब्याज पहले की काट लेते हैं। मोटा ब्याज होने के कारण न ब्याज पूरा दे पाते है और ना ही मूल रकम। ऐसे में बढ़ते मूल पर ब्याज का ब्याज चढ़ाते हुए रकम लाखों में पहुंचने के बाद धमका कर राशि वसूली का खेल चलता है।

नशा व बुरी आदत डूबो रही …

इसमें अधिकांश वे फंसते हैं, जो जुआ और सट्टा के साथ नशा करने के आदी है। इन खराब आदतों के चंगुल में फंसे युवाओं को प्रतिदिन रुपयों की जरूरत रहती है। ऐसे में सूदखोर इन लोगों को फांसकर अपना उल्लू सीधा कर रहे है। सूदखोरों की दबंगई के आगे सामान्य परिवार के लोग कुछ नहीं बोल पा रहे हैं और लोक लाज में रकम चुकाने को मजबूर हो रहे हैं।

इन केस से ले नसीहत मकान बनाने के लिए तो…

शहर के सदर क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व एक सम्भ्रांत परिवार के युवक ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। घर की आम जरूरतों के लिए रुपया ब्याज पर लिया। रुपयों का ब्याज चढ़ता गया और घर तक बिक गया। वह डिप्रेसन में रहने लगा। पार नहीं पड़ी तो उसने मरना ही मुनासिक समझा और जहर खाकर जान दे दी।

जरूरतें पूरी नहीं हुई, जिंदगी पूरी हो गई

नयाशहर थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की बड़े-शौक और उसकी जरूरते कभी पूरी नहीं हुई्। वह अक्सर जान-पहचान वालों से रुपया उधार लेकर काम चलाता। सूदखोरों से उसका संपर्क हुआ तो उसने मोटे ब्याज पर पांच लाख रुपए ले लिए। ब्याज इतना होता गया कि वह चुका नहीं पाया। लेनदारों से तंग आकर आखिरकार उसने घर के कमरे में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी।

यह रखें सावधानी…

परिजन किशोर एवं युवाओं पर नजर रखे कि उनका रहन-सहन कितना बदला है

क्या परिवार का किशोर परिवारजनों से बात करने में ज्यादा संकोच तो नहीं कर रहा है

लगातार चिंताग्रस्त है तो उसकी चिंता का कारण तलाशा जाए

यह भी पता करें कि उसकी संगत किसके साथ है और वह कहां रहता है

केस एक, नयाशहर थाना क्षेत्र में हाल ही में सरकारी कर्मचारी जयपालसिंह (बदला हुआ नाम) ने घर की जरूरतों के लिए सूदखोरों से रुपया उधार लिया। लेनदारों के बार-बार तकाजे से तंग आकर उसने घर की रसोईघर में फांसी का फंदा लगाकर कर जान दे दी। इस संबंध में मृतक के परिजनों की ओर से थाने में तीन जनों के खिलाफ रुपयों के लिए तंग करने एवं आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में मामला दर्ज करवाया गया है।

केस दो, गंगाशहर थाना क्षेत्र में छह महीने पहले एक व्यक्ति ने पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली। मृतक ने साझेदारों के साथ काम किया, उन्होंने करीब डेढ़ करोड़ रुपए का नुकसान करा दिया। इससे वह तनाव में आ गया। साझेदारों से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली। गंगाशहर थाने में तीन जनों के खिलाफ आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज हुआ।

सावधान रहे, निजी लोगों से लोन नहीं लेवें

व्यापार व अन्य जरूरतों के लिए सरकारी बैंक से लोन लेना चाहिए। निजी लोगों से दूरी बनाए रखें। रुपयों को लेकर कोई धमकाता हैं या मारपीट करता हैं तो एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। रुपयों के कारण आत्महत्या करना कोई समाधान नहीं है। अमित कुमार बुड़ानिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर

Author