बीकानेर,कर्नाटक राज्य बंगलोर के प्रसिद्ध कॉन्ट्रेक्टर ऊधोगपति श्री नीरज कुमार दुर्गेश्वर, लालचंद, दुलीचंद दुर्गेश्वर परिवार बीकानेर हाल बंगलोर निवासी परिवार की यजमानी मे बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज द्वारा”पर्यावरण संवर्धन जागरूकता संदेश के साथ एक लाख पौधा वितरण अभियान पर्यावरण संवर्धन हितार्थ कथा स्थल “तुलसी श्रीराम दुर्गेश्वर काम्प्लेक्स मे यजमान भामाशाह उधोगपति नीरज कुमार दुर्गेश्वर लालचंद दुलचंन्द दुर्गेश्वर परिवार के द्वारा श्रीविश्वकर्मा कथा का वाचन कथा प्रवक्ता बालसंत श्रीछैल विहारी के मुखारविंद से किया जा रहा हे..14 अप्रैल तक रोजाना सांय 7 सात बजे से कथास्थल “तुलसी श्रीराम दुर्गेश्वर काम्प्लेक्स” मे बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज द्वारा” बंगलोर मे पर्यावरण जागरुकता के साथ साथ नित्य प्रतिदिन पौधवितरण सेवाकार्य अभियान भी चल रहा है.. आज बालसंत द्वारा”पर्यावरण संदेश के साथ “रिंग रोड बंगलोर स्थित स्पेस क्राफ्ट आईएनसी”आफिस मे स्पेस क्राफ्ट के निदेशक उधोगपति भामाशाह श्री नीरज कुमार एव उपस्थित लोगो मे पर्यावरण संरक्षण संदेश के साथ बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज ने पोधवितरण किये…तत्पश्चात बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज ने पहले दिन की विश्वकर्मा कथा वाचन से महातम्य की सुनाते हुए कहा… कि भगवान विश्वकर्मा के ये पाँच पुत्र हुए जिसमे मनु, मय, त्वष्ठा,शिल्पी और देवज्ञ शस्त्रादिक निर्माण करके संसार के हहयोगी बने। बालसंत ने कहा कि लोकहित के लिये अनेकानेक पदार्थ को उत्पन्न करते वाले तथा घर,मंदिर भवन,मुर्तिया आदि को बनाने वाले तथा अलंकारों की रचना करने वाले माने गये है।इनकी सारी रचनाये लोकहितकारणी हैं।इसलिए ये पाँचो सन्तान वन्दनीय ब्राम्हण है.. और यज्ञ कर्म करने वाले है। इनके बिना कोई भी यज्ञ नहीं हो सकता..हम अपने
प्राचीन ग्रंथो उपनिषद एवं पुराण आदि का अवलोकन करें.. तो पायेगें कि आदि काल से ही विश्वकर्मा शिल्पी अपने विशिष्ट ज्ञान एवं विज्ञान के कारण ही न मात्र मानवों अपितु देवगणों द्वारा भी पूजित और वंदित है।भगवान विश्वकर्मा के आविष्कार एवं निर्माण कोर्यों के सन्दर्भ में इन्द्रपुरी,यमपुरी, वरुणपुरी
,कुबेरपुरी,पाण्डवपुरी, सुदामापुरी
,शिवमण्डलपुरी आदि का निर्माण किया गया है। पुष्पक विमान का निर्माण तथा सभी देवों के भवन और उनके दैनिक उपयोगी होनेवाले वस्तुएं भी इनके द्वारा ही बनायी गयी है।कर्ण का कुण्डल, विष्णु भगवान का सुदर्शन चक्र, शंकर भगवान का त्रिशुल और यमराज का कालदण्ड इत्यादि वस्तुओं का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने ही किया है। साथ साथ मे मोजुद नित्य कथा माध्यम मे आने वाले श्रदालुओ को बालसंत के सानिध्य मे उधोगपति नीरज कुमार दुर्गेश्वर परिवार द्वारा पौधवितरण भी किया जाता है… कथा व्यवस्था प्रभारी समाजसेवी ओमप्रकाश सैन है.. संस्थान संरक्षक हरिकिशन नागल श्रीकिसन सुथार ने बताया.. कि मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान और नीरज कुमार दुर्गेश्वर लालचंद दुर्गेश्वर दुलचंन्द दुर्गेश्वर राजस्थान के प्रवासी हाल बंगलोर एंव सुथार समाज के धर्मपरायण समाज सेवियों के संयुक्त तत्वाधान” मे बालसंत श्रीछैलविहारी महाराज की”पर्यावरण संवर्धन संरक्षण संदेश जागरूक के साथ एक लाख पौधावितरण अभियान के साथ. … उपरोक्त सहयोग संयोजन द्वारा “पर्यावरण संवर्धन संरक्षण संदेश के साथ बालसंत श्रीछैल विहारी महाराज के सानिध्य द्वारा”निरंतर 100000 लाख पौधवितरण सेवाकार्य अभियान हाल बंगलोर के राजस्थान प्रवासी पौधवितरण अभियान से जुङे हे..संस्थान संरक्षक प्रिंसिपल हरिकिशन नागल श्रीकिसन सुथार ने बताया कि.. उपरोक्त पर्यावरण संवर्धन संरक्षण जागरूकता संदेश पौधावितरण पर्यावरण संवर्धन संरक्षण हितार्थ सेवाकार्य अभियान से जुङे,मनीराम लेखराव हिम्मतसर,किशोर माकड़, जेठाराम माकड़,रमेश बरड़वा भायला, खींवजी माकङ,भागीरथ सुथार भायला,वेदप्रकाश स्वामी बीकानेर रामलाल आसदेव बंबलु वाले ,जगदीश बेगङ दुलमेरा, रवि मांङण नापासर,विकास शंकरलाल बेगङ दुलमेरा,श्रीकिसन सुथार,उत्तम पारीक आनंद गहलोत आदि श्रीकिसन सुथार पौधवितरण सेवाकार्य अभियान मे आज के सेवाश्रम सहयोगी बने हुए हे……