Trending Now












बीकानेर,भर्ती अधिसूचना के कॉलम ई-1 में स्पष्ट लिखा है कि धर्म प्रमाण पत्र देना होगा। सेना में अग्निवीर की भर्ती के लिए पहली बार युवाओं को धर्म प्रमाण पत्र देना होगा।लेकिन, जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इसे बनाने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि जाति प्रमाण पत्र बनता है। धर्म प्रमाण पत्र बनवाने का कोई नियम नहीं है। अपने बेटे का धर्म प्रमाण पत्र दिखाने के लिए 30 दिनों से भटक रहे एक पूर्व सैनिक ने राजस्थान और भारत सरकार के वेब पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है।

बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू और झुंझुनू समेत पांच जिलों की सेना में दमकल कर्मियों की भर्ती चार सितंबर से बीकानेर में होगी, जिसमें 90 हजार युवा हिस्सा लेंगे। सेना भर्ती में पहली बार अभ्यर्थियों से धर्म प्रमाण पत्र मांगा गया है। भर्ती के लिए जारी अधिसूचना में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि प्रत्येक उम्मीदवार को इस प्रमाण पत्र की मूल प्रति के साथ दो सत्यापित प्रतियां जमा करनी होंगी। उधर, प्रशासन ने धर्म प्रमाण पत्र पेश करने से इनकार कर दिया है।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि जाति प्रमाण पत्र बनता है। धर्म प्रमाण पत्र बनवाने का कोई नियम नहीं है। जिससे दमकल भर्ती अभ्यर्थियों को परेशानी हो रही है। पूर्व सैनिक राजेंद्र बिश्नोई अपने बेटे गौरीशंकर बिश्नोई का अग्निवीर भर्ती के लिए धर्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पिछले 30 दिनों से प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। तहसीलदार, एसडीएम से लेकर कलेक्टर तक सभी ने धर्म प्रमाण पत्र पेश करने से मना कर दिया है।

सेना में अग्निवीर भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से धर्म प्रमाण पत्र मांगने की समस्या का समाधान जिला प्रशासन के अधिकारियों के पास भी नहीं है। मामला तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर और संभागीय आयुक्त के संज्ञान में आया और उनके बीच चर्चा हुई। उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बात की। लेकिन, समस्या का समाधान नहीं हुआ।

Author