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जयपुर
Patwari और RAS pre exam में बैठने वाले बीस लाख अभ्यर्थियों की तैयारी में जुटी पुलिस और अन्य एजेंसियों के सामने अब एक और बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है। REET में छह लाख रुपए की चप्पल बनाकर नकल कराने वाले मास्टरमाइंड तुलसाराम को तो पुलिस नहीं दबोच सकी है लेकिन इस बीच चप्पल से भी कहीं ज्यादा नकल उपकरण बाजार में आ गए हैं और बड़ी बात ये है कि Online Order पर उपलब्ध हैं। अच्छी बात ये है कि इनमें से बहुत से उपकरण पुलिस और परीक्षा कराने वाली एजंसियों से पहले ही बैन कर दिए हैं, लेकिन उसके बाद भी नकल का खतरा कम नहीं हुआ है। सबसे बड़ी बात खबर दिखाने का हमारा उद्देश्य सिर्फ इतना है ताकि सुरक्षा जांच के दौरान पुलिस और जांच एजेंसियां सतर्क रहे एवं चैकिंग को और ज्यादा बेहतर ढंग से किया जा सके।

8 हजार का मास्क, बारह हजार का चश्मा और भी बहुत कुछ
ऐसा पहली दफा हुआ है कि बाजार में भी परीक्षा के लिए नकल करने वलो उपकरण मिल रहे हैं। बडी बात ये है कि इनमें से बहुत से सामान को पुलिस या कोई भी जांच एजेंसी बैन नहीं कर सकती। बाजार में करीब आठ हजार रुपए का मास्क मिल रहा है। बारह हजार रुपए की घड़ी और करीब दो हजार रुपए का पैन भी उपलब्ध है। साथ ही जेब में रखने के लिए एटीएम कार्ड जैसा कार्ड और कान में रखने के लिए बेहद ही सूक्ष्म माइक्रोफोन भी है। इतने उपकरणों के साथ ही पांच हजार रुपए की घड़ी और करीब एक हजार रुपए का पैन भी उपलब्ध है जिनकी मदद से नकल की जा सकती है। इन सभी उपकरणों में सिम, मैमोरी कार्ड और बेहद छोटा माइक्रोफोन रखने की जगह स्पेशल तौर पर बनाई गई है ताकि परीक्षा के दौरान नकल की जा सके। अब इन उपकरणों ने पुलिस और परीक्षा कराने वाली एजेंसियों को और ज्यादा परेशानी मे डाल दिया है।

दस साल पहले चिप लगे बनियान से शुरु हुई थी नकल की ट्रिक्स
राजस्थान में करीब दस साल पहले आयोजित की गई एक सरकारी परीक्षा में नकल करने के लिए एक छात्र ने चिप लगा हुआ बनियान पहना था। वह बार बार बाथरूम जा रहा था तब जाकर उसे पकडा गया। बाद में बिहार और एमपी में हुई परीक्षाओं में भी इस तरह का बनियान बनाया गया जिसे पहनकर नकल की जा सके। बाजार मे इस तरह के हिडेन डिवाईस उपलब्ध कराए जा रहे हैं जो शर्ट, पैंट, या अन्य कहीं भी लाए जा सकते हैं। यहां कि बालों में लगाई जाने वाली क्लिप से भी नकल का डर है। यही कारण है कि हर महिला अभ्यर्थी को राजस्थान मे होने वाली सरकारी परीक्षाओं में साधारण रबर लगाकर चोटी बनाकर आने के निर्देश हैं।

इस तरह से काम करती हैं ये डिवाईस
कान के भीतर लगाई गई या किसी भी इनविजिबल ब्लूटूथ डिवाइस में कॉल रिसीविंग का कोई झंझट नहीं होता है। इसमें पहले से ही ऑटो कॉल रिसीव का काम कर रहा होता है। नकल माफिया की ओर से ऐसा नंबर दिया जाता है जिसका इस्तेमाल पहले न हुआ हो। माफिया परीक्षा शुरू होते ही इस नंबर पर कॉल मिलाता हैए जिसके बाद कॉल खुद रिसीव हो जाती है। खास बात यह है कि इस डिवाइस का माइक्रोफोन इतना सेंसिटिव होता है कि खांसने की आवाज को भी बाहर भेज देता है।

अब सबसे जरुरी बात,
पटवारी परीक्षा से कुछ घंटे पहले खबर दिखाने के दो उद्देश्य हैं…। पहला है पुलिस या कोई भी जांच एजेंसी जो परीक्षा मंे आने वाली अभ्यर्थियों की जांच करती है वह इस खबर को पढ़ने के बाद और ज्यादा सतर्क हो जाएं। दूसरा कारण है कि परीक्षा से पहले आॅनलाइन आॅर्डर भी दिया जाता है तो उसे आने में दो से तीन दिन का समय लगता है। इतने समय में परीक्षा तक पूरी हो जानी है। लेकिन इस तरह के उपकरणों के बारे में सुरक्षा कारणों के चलते जानकारी होना जरुरी है।

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