बीकानेर सरकार की ओर से एक जनवरी से चलाए गए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के दौरान एकत्रित किए गए सैंपलों में 14 सैंपल की जांच रिपोर्ट सब स्टैंडर्ड क्लालिटी की आई है।अर्थात उनकी गुणवत्ता कमजोर थी। जबकि तीन सैंपल कोई काम के ही नहीं थे, वे फेंकने योग्य थे। जबकि 26 सैंपल की जांच रिपोर्ट अब तक आनी बाकी है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने कवायद भी शुरू कर दी है। उच्च गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थ की बिक्री तथा स्वास्थ्य सुधार के लिए सरकार के निर्देश पर एक जनवरी से शुद्ध के लिए अभियान शुरू किया गया है, अभियान के दौरान जनवरी के पहले सप्ताह में तो स्वास्थ्य विभाग ने प्रतिदिन कार्रवाई की थी लेकिन बाद में फूड इंस्पेक्टर के स्वास्थ्य में खराबी होने के कारण कार्रवाई रुक गई थी। लेकिन गत दिनों वापस तीन प्रतिस्ठानों पर कार्रवाई की गई।
अब तक 87 सैंपल लिए विभाग की ओर से जनवरी और
फरवरी में अब तक 87 सैंपल लिए गए थे। इसमें तेल, घी, पास्ता, मावा सहित कई खाद्य पदार्थों के सैंपल जो 30 मार्च तक चलेगा। इस लिए गए थे। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कई प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई कर 87 सैंपल लिए गए हैं। इसमें से अभी तक 26 सैंपल की जांच आनी शेष है। 43 सैंपल मानक पर खरे
अभी तक लिए गए 87 सैंपल में 43 सैंपल मानक पर खरे उतरे हैं। अर्थात इन सैंपलों में किसी तरह की मिलावट सामने नहीं आई है। जबकि एक सैंपल मिस ब्रांड है। मिस ब्रांड
का मतलब यह है कि उत्पाद की पैकिंग पर लगे लेबल में सही जानकारी अंकित नहीं है। 14 कमजोर गुणवत्ता के निकले
अभी तक लिए गए सैंपल में 14 सैंपल सब स्टैंडर्ड क्लालिटी के है। अर्थात कमजोर गुणवत्ता के हैं। जिन पदार्थों में गुणवत्ता होनी चाहिए थी, वह नहीं है। इसलिए विभाग ने इन सैंपल को सब स्टैटर्ट क्लालिटी की श्रेणी में रखा है।
तीन सैंपल बेचने योग्य नहीं निकले
अब तक लिए सैंपल में तीन सैंपल तो किसी काम के नहीं थे। इनकी गुणवत कमजोर थी और बेचने योग्य भी नहीं थे। इसलिए विभाग ने इन सैंपल क कोई काम का नहीं बताया है।
26 सैंपल की रिपोर्ट आनी बाकी
एक जनवरी से लेकर अभी तक जिले में अनेक प्रतिष्ठानों पर शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत 87 सैंपल लिए हैं। इसमें 43 सैंपल मानक पर खरे हैं। जबकि 14 सैंपल सब स्टैंडर्ड क्वालिटी के हैं। यह अभियान मार्च तक जारी रहेगा। इस दौरान कई प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. बीएल मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी