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बीकानेर,त्यागी बैरागी महान संत एवं लाखों प्राणियों में भागवत कथा ज्ञान के प्रचारक ओर मां कृपालय सत्संग भवन के संस्थापक अधिष्ठाता बाबा मां कृपादास अधम के आकस्मिक निधन होने पर बालसंत छैल विहारी द्वारा ओर सद्गृहस्थ संत मनु महाराज ओर संस्थान संयोजक सीमा पुरोहित द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मनु महाराज ने बताया कि बाबा मां कृपा दास अधम का निधन केवल पारीक समाज ही नहीं अपितु बीकानेर के आध्यात्मिक भागवत कथा ज्ञान की सेंकड़ों बालक बालिकाओं को शिक्षित करने वाले धर्म गुरु के रूप में अपुर्णीय क्षति हे। बाबा मा कृपा दास ने अपने जीवन में उन 3000 से अधिक माता बहनों को पथ प्रर्दशक रहे, जिनको सिलाई कढ़ाई रोजगार का प्रशिक्षण देकर जीवन भर सिलाई मशीन देकर रोजगार देने का सेवा कार्य किया।। बाबा अद्भुत सेवाभावी भागवताचार्य एवं राजस्थान में सैकड़ो बालक बालिकाओं को भागवत कथा ज्ञान की शिक्षा देने वाले भागवत शिक्षक भी रहे। बाबा के पीछे उनकी तीन संतानें कमल विमल व निर्मल पारीक भी सेवा भावी जीवन अपनाकर बाबा की सेवा आगे बढ़ाने में लगे हैं। मां कृपालय सत्संग भवन बीकानेर राजस्थान के आध्यात्मिक गुरु बाबा मां कृपा दास अधम” को भावभीनी श्रद्धांजल अर्पित करते हुए बालसंत छैल विहारी ने कहा। कि बाबा मां कृपादास के आशीर्वाद के द्वारा ही मेरे जीवन में 6 वर्ष के बाल्य अवस्था से ही भागवत कथा वाचन की तेयारी हुई ओर कथा मेरे जीवन में आ पायी। उनकी कृपा से ही मेरे जीवन के मात्र 14 वर्ष में ही केवल 285 से अधिक कथाओ का वाचन सम्भव हो पाया। मेरे लिए बाबा कृपा दास मेरे जीवन के सबसे बड़े आध्यात्मिक सुपरस्टार रहे। उपरोक्त बाबा मां कृपा दास अधम को समर्पित श्रद्धांजलि कार्यक्रम श्रीगंगा जुबली पिंजरा प्रोल गोशाला ओर मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान के तत्वावधान में हुआ।

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