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बीकानेर.मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत स्कूलों में विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन पाउडर दूध को घोल कर पिलाया जाना है। दूध पिलाना कब से शुरू करना है, इसकी तिथि की घोषणा सरकार ने अभी तक नहीं की है।

प्रदेश भर में सरस दूध पाउडर के पैकेट रखे कार्टन स्कूलों में पहुंचने शुरू हो गए है। संस्था प्रधानों को मिले कार्टन में दूध पैकेट कम निकल रहे हैं। औसत एक कार्टन में एक किलो दूध पाउंडर स्कूलों तक पहुंचने से पहले ही गायब हो रहा है। स्कूलों में कार्टन खोले जाने पर कम पैकेट होने का खुलासा हुआ है। कई संस्था प्रधानों ने कार्टन खोलने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डाल दिए हैं। इसमें दिख रहा है कि दूध के पैकेट कम निकल रहे हैं। इस तरह बच्चों के गले तक दूध पहुंचने से पहले ही दूध आपूर्ति की सरकारी व्यवस्था पाउडर चट करती दिखाई दे रही है।

वायरल वीडियो के बाद संभाल रहे पैकेट

बाड़मेर जिले के बरवड़ व कमलपुरा स्कूल में कार्टन खोलने पर पांच की जगह चार पैकेट ही निकले। इसका वीडियो तीन दिन पहले वायरल हुआ। इसके बाद प्रदेश भर में सरकारी स्कूलों में पहुंचे दूध के पैकेट्स को संस्था प्रधानों ने कार्टन खोलकर गिनने शुरू कर दिए हैं। लगभग हर स्कूल से प्रत्येक कार्टन में एक-एक, दो-दो पैकेट कम मिलने की बात सामने आ रही है। संस्था प्रधान अब पाउडर दूध की आपूर्ति करने वाली फर्म से सम्पर्क करने के प्रयास कर रहे हैं।

प्लास्टिक या लकड़ी के कंटेनर में रखें

पैकेट दूध को फर्श पर रखने से नमी से खराब हो सकता है। ऐसे में उसे फर्श पर नहीं रखने के निर्देश दिए गए हैं। संस्था प्रधानों को प्लास्टिक या लकड़ी के कंटेनर में ही दूध पैकेट सुरक्षित रखने के लिए कहा गया है। संस्था प्रधानों का कहना है कि स्कूलों को लकड़ी या प्लास्टिक के बक्से खरीदने के लिए कोई बजट नहीं दिया गया है। ऐसे में दूध पैकेट फिलहाल गत्ते के कार्टन में ही रखे हुए हैं।

कटे-फटे देख करऔर गिनकर लें

मिड डे मील निदेशालय ने निर्देश दिए हैं कि संस्था प्रधान दूध पाउडर की आपूर्ति लेते समय पैकेट कटा-फटा नहीं हो, यह सुनिश्चित कर और पैकेट गिन कर लें। यदि कहीं पैकेट कम निकले हैं, तो संस्था प्रधान तुरंत आपूर्तिकर्ता को सूचना कर पैकेट पूरे करवा लें।

प्रेम टिटलानी,अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी

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