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बीकानेर,पीबीएम अस्पताल परिसर में लगभग 70 प्रतिशत सीवरेज का काम पूरा हो चुका है। शेष 30 फीसदी काम पूरा करने में अभी एक माह का समय लगेगा। यहां 4.5 किमी के दायरे में सीवरेज पाइप बिछाई जानी है, जिसमें से 3 किमी क्षेत्र में पाइप बिछाई गई है।जबकि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में अभी 15 दिन और लगेंगे। यानी अगले 15 दिन तक जर्जर सड़कों के कारण होने वाला दर्द मरीजों को झेलना पड़ेगा. अस्पताल में विकास से पहले हुए तोड़फोड़ से मरीज व उनके परिजन परेशान हैं.

सड़कों पर फैले सीवरेज से निकलने वाले मल-मूत्र से भी संक्रमण का खतरा बना हुआ है। ट्रॉमा सेंटर में भर्ती औसतन 10 मरीज रोजाना एमआरआई कराते हैं। सड़कें क्षतिग्रस्त होने से मरीजों को न सिर्फ शारीरिक कष्ट झेलना पड़ता है, बल्कि उन्हें संक्रमण के दौर से भी गुजरना पड़ता है।

सड़क हादसे में घायल रामसुख को परिजन एमआरआई के लिए ट्रॉमा सेंटर से स्ट्रेचर पर ले जा रहे थे। लेकिन पथ क्षतिग्रस्त होने के कारण वह असहनीय पीड़ा से बार-बार कराहता रहता था। डॉक्टरों ने निर्देश दिया था कि मरीज को किसी भी हाल में ज्यादा हिलना-डुलना नहीं चाहिए। लेकिन एमआरआई के आसपास क्षतिग्रस्त सड़क और सड़कों पर फैले ट्रॉमा सेंटर और मलमूत्र के कारण मरीज को न चाहते हुए भी दर्द के दौर से गुजरना पड़ा. रामसुख के परिजनों ने बताया कि हार्ट व कैंसर अस्पताल के आसपास की क्षतिग्रस्त सड़क व खुले सीवरेज चेंबर से मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है.

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