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बीकानेर,स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में बीकानेर शहर के रैंकिंग में पिछड़ने पर आरोप लगाने का दौर शुरू हो गया है। रैंकिंग में पिछड़ने पर कांग्रेस के कई पार्षदों ने इसके लिए महापौर को जिम्मेदार बताया है। कांग्रेस पार्षदों के अनुसार निगम मैं साजन संसाधन होने और करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था में बिछड़ना महापौर की विफलता है

वहीं निगम अधिकारियों की कमजोर मॉनिटरिंग और महापौर की ओर से शहर की सफाई व्यवस्था को गंभीरता से नहीं लेना भी स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ने का कारण बताया गया है। गौरतलब है शनिवार को घोषित हुई स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में बीकानेर शहर का 239 वां स्थान रहा है। पिछले में साधन-संसाधन होने और करोड़ो वर्ष 217 वां स्थान रहा था। इस बार रुपए खर्च होने के बाद भी शहर की बीकानेर शहर सफाई में 22 सफाई व्यवस्था में पिछड़ना महापौर पायदान नीचे लुढ़का है।

महापौर ले जिम्मेदारी

स्वच्छता रैंकिंग में शहर का पिछड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह महापौर की कमजोर मॉनिटरिंग, साधन संसाधन होने के बाद भी उनका पूरा उपयोग नहीं होना है। निगम की मुखिया होने के नाते महापौर को रैंकिंग में पिछड़ने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जगह-जगह लगी रहने वाली कचरे की ढेरियां सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे है।

अंजना खत्री, कांग्रेस पार्षद

महापौर ने नहीं दिया ध्यान

यह महापौर की उपलब्धि है कि शहर स्वच्छता रैंकिंग में फिसड्डी साबित हुआ है। यह महापौर की है कि स्वच्छता रैंकिंग में हुआ है से मॉनिटरिंग ही नहीं की। निगम में सफाई के नाम पर करोड़ो रुपए खर्च होने के बाद रैंकिंग में पिछड़ना कई सवाल खड़े कर रहा है।

जावेद पड़िहार, कांग्रेस पार्षद

कमजोर मॉनिटरिंग

निगम में सफाई के काम आने वाले साधन संसाधनों की कमी नहीं है। सफाई पर निगमल सफाई के काम चानी बह रहा है। फिर मी किंग में पिछड़न कई सवाल खड़े कर रहा है। कमजोर मॉनिटरिंग रैंकिंग में पिछड़ने का बड़ा कारण है। सफाई को लेकर आमजन को जागरूक करने में निगम विफल रहा है।

अनीता शर्मा, निर्दलीय पार्षद

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