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बीकानेर,वेटरनरी विश्वविद्यालय में भारतीय संविधान के जनक, भारत रत्न, बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 132वीं जयंती श्ुाक्रवार को मनाई गई। इस अवसर पर वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह, महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने पुष्प अर्पित कर उनको याद किया। अधिष्ठाता प्रो. ए.पी. सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर बहु-प्रतिभा के धनी थे उन्होंने समाज में व्याप्त छुआछूत, असमानता, भेदभाव जैसी कुरीतियों समाप्त करने एवं विश्व विख्यात लोकतांत्रिक भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के विचार था कि जीवन लम्बा ना होकर सार्थक होना चाहिए। हमें जीवन पर्यन्त समाज सेवा एवं मानव कल्याण के कार्य करने चाहिए। प्रो. सिंह ने सभी को बाबा साहेब के बताए आदर्शो का अनुसरण करने को कहा। निदेशक मानव संसाधन विकास प्रो. बी.एन. श्रृंगी ने अपने सम्बोधन में कहा कि देश को श्रेष्ठ एवं समृद्ध बनाने में समय-समय पर भारत की धरती पर महापुरूषों का जन्म हुआ है बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर ऐसे ही महापुरूष है जिन्होंने अपना जीवन छुआछूत को मिटाकर समाज में सामाजिक समरसता एवं न्याय व्यवस्था को बनाने में दिया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रवीण बिश्नोई ने बाबा साहेब के जीवन चरित्र, शिक्षा अध्ययन एवं भारत के संविधान निर्माण में योगदान की विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर डॉ. एस.के. झीरवाल ने कहा कि बाबा साहेब का व्यक्तित्व बहुत विशाल है उन्होंने विपरीत सामाजिक परिस्थितियों में रहकर शिक्षा के उच्चतम शिखर को हासिल किया। हमें उनके जीवन मूल्यों के पढ़ने के साथ-साथ मनन भी करना चाहिए। इस अवसर पर विद्यार्थियों में दीपेश डाबी एवं रती जलथूरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किये। जयंती समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के निदेशक पी.एम.ई. प्रो. बसन्त बैस, फैकल्टी सदस्य, कर्मचारी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने मंच का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।

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