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बीकानेर,नगर विकास न्यास बीकानेर की व्यवस्था में इतने छेद है कि कोई न्यास अध्यक्ष इसे दुरुस्त नहीं कर सकता। पुराने जांच प्रकरणों से अंदाज लगाया जा सकता है कि नगर विकास न्यास की व्यवस्था कैसे भू माफिया के कब्जे में है। न्यास में एक कॉकस बना हुआ है जिसकी जड़ें कहां तक फैली है उसे ढूंढ पाना न्यास अध्यक्ष के लिए कड़ी चुनौती है। पत्रावलियां तो कहां कहां दबी और छुपाई पड़ी है पत्ता लगना मुश्किल है। आवासीय कॉलोनियों, भूखंडों के मामलों की परतें उधेड़ने से न्यास के कितने पर्दे हटेंगे कहा नहीं जा सकता। यह कोई वर्तमान जिला कलक्टर और नगर विकास न्यास अध्यक्ष भगवती प्रसाद कलाल के समय में नहीं हुआ, बल्कि अब तक होता आ रहा है। न्यास अध्यक्ष कलाल का नाराज होना वाजिब है कि न्यास ऑफिस की अलग अलग अनुभागों से आम लोगों के कामों से जुड़ी पत्रावलियां गुम हो जाना बेहद गंभीर है। इसे किसी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्या करेंगे अध्यक्ष महोदय ? न्यास की व्यवस्था से पीड़ित लोगों को बता तो दें ताकि वे सनद रहे। दस्तावेजों के लिए कई लोगों को सेवा निवृत कार्मिकों के चक्कर क्यों लगाने पड़ते हैं? नक्शे और कई भूखंडों की आप खुद डिटेल मांग लीजिए पत्ता चलेगा कि वास्तविकता क्या है। आप खुद कहते हैं कि न्यास को दी गई पत्रावलियां गुम हो जाने संबंधी शिकायतें कई बार आमजन से प्राप्त होती हैं। इसके गहराई में जाकर जांच करने पर न्यास की दूसरी ही तस्वीर दिखाई देगी। न्यास की साख तो बिल्डर,रियलस्टेट के इक्यूपमेंट से ज्यादा नहीं है। आप करोगे क्या ? न्यास कार्यालय का सच अब आपसे छुपा नहीं है। न्यास अध्यक्ष को इस हद तक कहना पड़ गया कि पत्रावली गुम होने पर एक्शन मोड पर आना पड़ रहा है। आप मानते है साख पर आन पड़ी है और आमजन का कार्य वेबजह लंबित है तो व्यवस्था विफल होने की इंतहा हो गई। न्यास अध्यक्ष तो स्वत: ही विफल है। यह फेलियोरशिप कोई मानेगा नहीं। इसे किसी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा यह अच्छी बात है कि आप इसे जनहित में बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। एक जिम्मेदार और कुशल प्रशासक की यह भावना सही है। कॉकस को समझ पाना भी मुश्किल है। अभी पत्रावली गुम होने के मामले में तो सख्त कानूनी कार्रवाई तो करो। सभी शाखाओ की समस्त फाइलों की सूची उपलब्ध हो जाए तो भी बड़ा काम हो जाएगा।

न्यास अध्यक्ष के रूप में आपकी यह राय उचित है कि किसी व्यक्ति को कोई कार्य है, तो सीधे न्यास कार्यालय में संपर्क करें। किसी कार्य के लिए बिचौलिये के झांसे में नहीं आए। सच तो यह कि बिचौलियों से ही काम होता है। सीधे काम होता ही नहीं है। आप जांच करवा लीजिए। न्यास से जुड़े किसी कार्य के लिए कोई बिचौलिया दखल करता है तो, ( हैल्पलाइन नंबर 95303-13150 पर ) इसकी शिकायत की जा सकती है। यह न्यास अध्यक्ष की संवेदनशीलता है कि येनकेन व्यवस्था सुधार जाए। इसके लिए जरूरी है कि न्यास कार्मिकों की नैतिकता जागे। क्या संभव लगता है? जो आपने जाना, देखा, महसूस किया वो न्यास की असली तस्वीर बताने के लिए पर्याप्त है। आगे जानने और कुछ करने की हिमाकत कितनी सफल होगी करके देख लें। जनता के लिए तो इतना ही बहुत है कि किसी न्यास अध्यक्ष ने नगर विकास न्यास का यर्थात तो जाना। बाकी बातें तो दूर की कोड़ी है बस।

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