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बीकानेर,राजस्थान के भीलवाड़ा में बेटियों की नीलामी हो रही है। स्टैंप पेपर पर लड़कियों का सौदा किया जा रहा था।राजस्थान की गहलोत सरकार नींद से जागी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जांच के आदेश दिए हैं और जांच टीम को भीलवाड़ा भेजा है। सीएम गहलोत ने कहा कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं BJP ने भीलवाड़ा में हो रही लड़कियों की नीलामी पर राज्य की गहलोत सरकार को आड़े हाथों लिया है। बीजेपी नेता राज्यवर्धन सिंह ने कहा राजस्थान में 14 बच्चे हर रोज लापता हो रहे हैं। राजस्थान सरकार को नाकाम बताते हुए कहा कि एक महीने में 400 लड़कियां राजस्थान से लापता हो रही हैं। स्टांप पेपर पर लड़कियों की खरीद-बिक्री

आपने सीरिया-इराक से ऐसी खबरें सुनी होगी जहां ISIS लड़कियों को गुलाम बनाता है। आपने अफ्रीका से भी ऐसी तस्वीरें देखी होगी जहां बोको हराम महिलाओं और नाबालिगों को गुलाम बनाता है। लेकिन राजस्थान के भीलवाड़ा में ऐसा ही घिनौना जुर्म हो रहा है। जहां स्टांप पेपर पर लड़कियों का सौदा हो रहा है। लड़कियों को खरीदा और बेचा जा रहा है। बेटियों का सौदा पंच और सरपंच करते हैं। पहले लड़कियों के मां-बाप को कर्ज के जाल में फंसाया जाता है और फिर कलियुग के दानव बेटियों का लिखित सौदा करते हैं उम्र और सुंदरता के हिसाब से लड़की की 8 से 10 लाख में बोली लगाते हैं। ये सब कुछ स्टांप पेपर पर किया जाता है।

प्रियंका की चुप्पी

सवाल ये है कि आखिर राजस्थान की सरकार क्या कर रही है। क्या अशोक गहलोत सत्ता बचाने में बेटियों की आबरू की रक्षा करना भूल गए हैं। बीजेपी के निशाने पर सिर्फ गहलोत नहीं हैं बल्कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा भी हैं जिन्होंने चुनाव में लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा दिया था। संबित पात्रा ने ट्वीट करके कहा कि कांग्रेस के कुशासन से तंग आकर अब राजस्थान की बेटियां कह रही हैं… ‘लड़की हूं बच सकती हूं, तभी तो राजस्थान में रह सकती हूं।’ मामला तूल पकड़ने के बाद NHRC ने भी गहलोत सरकार को नोटिस जारी किया है और 4 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। राजस्थान बाल संरक्षण आयोग भी हरकत में आया है और 3 दिन में जिम्मेदार अफसरों से रिपोर्ट तलब की है।

NHRC पर भड़के खाचरियावास

राजस्थान के भीलवाड़ा में बेटियों की नीलामी की घटना गहलोत सरकार के ऊपर लगा ऐसा धब्बा है जिसे धोना संभव नहीं है। स्टांप पेपर पर नाबालिग लड़कियों की खरीद-बिक्री की वारदात पर राजस्थान सरकार का पहला बयान आया है। राजस्थान के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सरकार भीलवाड़ा की वारदात की जांच करेगी लेकिन जांच की बात करते-करते प्रताप सिंह NHRC के नोटिस पर भड़क गए।खाचरियावास ने कहा कि NHRC को पहले भीलवाड़ा की घटना की जांच करनी चाहिए थी लेकिन मानवाधिकार आयोग ने सीधे-सीधे नोटिस भेज दिया।आपको बता दें कि NHRC के अलावा राजस्थान बाल आयोग ने भी पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।

बनाया जाता है सेक्स स्लेव

आयोग ने राजस्थान सरकार से पूरे मामले में 4 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। पूरा मामला उजागर होने के बाद राजस्थान बाल संरक्षण आयोग भी हरकत में आया है और 3 दिन में जिम्मेदार अफसरों से रिपोर्ट तलब की है। आरोप है कि राजस्थान के 6 जिलों में स्टांप पेपर पर बेटियों को बेचा जाता है। ऐसा नहीं करने पर उनकी माओं के साथ रेप किया जाता है। इन बच्चियों को खरीदकर UP, MP, दिल्ली सहित विदेशों में भेजा जाता है। जानकारी के मुताबिक राजस्थान में जाति पंचायतें सीरिया और इराक की तरह इस अपराध को अंजाम दे रही हैं, जहां लड़कियों को गुलाम बनाया जाता है। कथित रूप से, भीलवाड़ा में, जब भी दो पक्षों के बीच कोई विवाद होता है, तो पुलिस के पास जाने के बजाय, इसके निपटारे के लिए जाति पंचायतों से संपर्क करते हैं। यहां बच्चियों की माताओं से रेप करने का आदेश दिया जाता है। मामला सामने आने के बाद अब इस पर सियासत भी तेज हो गई है। बीजेपी ने राजस्थान सरकार पर हमला बोला है और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।

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