बीकानेर,मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान पारीक चौक एवं समाजसेवी हनुमान प्रसाद परिवार सहयोग तत्वाधान में’ पर्यावरण संवर्धन संरक्षण हितार्थ “श्रीभागवत बासा भवन पारीक चौक में तीसरे दिवस श्रीमद्भागवत पुराण व्यास तिलक पूजन समाजसेवी श्रीमती चांदनी चौहान धर्मपत्नी श्री यशपाल चौहान बैंक के सेल्स हेड ऑफिसर परिवार द्वारा श्रीमद्भागवत”पूजन करवाया गया। “व्यास तिलक एवं भागवत पूजन के पश्चात समाजसेवी यशपाल चौहान सपत्नीक श्रीमती चांदनी चौहान दम्पत्ति बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज की भागवत कथा माध्यम द्वारा 1100 पौधे वितरण करवाने का संकल्प लिया”… तत्पश्चात पर्यावरण संवर्धन हितार्थ हो रही भागवत कथा मे तीसरे दिवस की भागवत कथा वाचन करते हुए श्रीछैल विहारी महाराज ने सृष्टि संरचना,भगवान वराह का अवतार, विदुर मैत्रेय संवाद, कपिल उपाख्यान, अष्टांग योग सांख्य दर्शन का वर्णन, मनु शतरूपा उत्तानपाद की कथा, एवं बालक ध्रुव की भक्ति एवं वंश का वर्णन, राजा पृथु की कथा, राजा प्राचीनब्राही एवं पुरंजन उपाख्यान,सुनाकर बताया कि यज्ञों के द्वारा जीव बलि प्रथा एवं बेजुबान निराश्रित पशुओं की हत्या को पाप माना गया है , भगवान कपिल द्वारा मांता देवहुति मन बुद्धि इंद्रिय के लक्षण बतलाते हुए कथा के माध्यम से बालसंत ने बताया।कि चंचल मन के वशीभूत होकर एवं इंद्रियों पर नियंत्रण ना होने के कारण जीवात्मा जाने अनजाने पाप का भागी बन जाता है। मन एवं बुद्धि अनेक इच्छाओं की गुलाम होती है ।अनेक प्रकार की इच्छा आसक्ति प्राणियों के दुखो ओर बंधनों का मूल कारण है। अतः प्रत्येक जीवआत्मा को अनासक्त जीवन यापन करना चाहिए। क्षणिक सुख एवं इच्छाओं की पूर्ति हेतु जीवात्मा पाप का भागी बन जाता है। और इस पवित्र पावन परमात्मा की दी हुई देह से अनेकों कष्टों व आसक्ति के कारण ही दुख भरा जीवन जीता है। अतः इच्छाओं का परित्याग ही मनुष्य जीवन को सुखमय बना सकता है।कथा प्रभारी मनु जी महाराज ने बताया कि कथा पूजन करने वाले समाजसेवी यजमान श्रीमती चांदनी चौहान यशपाल चौहान परिवार द्वारा 1100 पौधे संवर्धन वितरण सहयोग का संकल्प लिया गया। साथ ही साथ मनु जी महाराज ने बताया कि भागवत सहयोगी के रुप मैं उद्योगपति समाजसेवी नवरत्न,धामू
रूपकिशोर, शिवलाल धामू, कुलदीप नितेश आसदेव,कुणाल नंदिनी सीमा पुरोहित अपनी सेवा दे रहे हैं।