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बीकानेर,बस, वो दिन आ ही गया। दो दिन बाद १८ अप्रैल को आप अपना भविष्य बनायेगे। कही वैसे रहना पसन्द तो नहीं करोगे , जैसे आप-७७ सालों से रह रहे हैं या आप अपने बच्चों का भविष्य भी बनायगे। हमने ७७ सालों में विभाजन की त्रासदी देखी हैं। हम अपने घर से बेघर हुए थे। हज़ारो महिलाओं की अस्मत लूटी गई थी और लाशों के ढेर भी हमने देखे। लेकिन रहनुमाई में अच्छे जीवन का सन्देश भी नज़र आया। लेकिन फिर वही ढाक के तीन पात— अमीर अधिक अमीर और ग़रीब अधिक ग़रीब होता गया। नेताओ का जीवन ज़रूर सुधरा। लेकिन आम आदमी का जीवन दुशवार ही रहा। नेताओ को राज करने में आनन्द आने लगा। इसलिए उन्होंने तुष्टिकरण की नीति अपनाई। आज़ादी के बाद इस मुल्क में कई बादशाहत हुए सबने अपने अपने हिसाब से शासन चलाया। और इधर भ्रष्टाचार की दीमक देश को खोखला करने लगी और हमाम में सब लोग स्नान करने लगे। इन सालों में ऐसा नहीं लगा कि कौन नेता ईमानदार- देशभक्त हैं। वैसे भी सच्चे और नेक नेताओ का समय बहुत कम रहा और परिवारवाद का शासन पर एकाधिकार रहा। जिन लोगो को लालबहादुर शास्त्री की मौत पर कोई गड़बड़ी नहीं दिखी। सुभाष चन्द्र की मौत पर कोई सवाल पूछने की ज़रूरत नहीं लगी। ललित नारायण मिश्र की मौत में कोई साज़िश नहीं दिखी। उनको मुख़्तियार अन्सारी की मौत पर बड़ी साज़िश दिखी। उसकी मौत से देश का बड़ा नुक़सान और सेक्यूलरिज्म पर भारी ख़तरा तुरन्त दिख गया। परिवारवाद का राज ख़त्म होने लगा तो तरह तरह की अफ़वाहें भी उड़ाई गई। ख़ैर राजनीति एक जंजाल हैं। इसमें जो फँस गया वो किसी का नहीं रहा। ७७ साल कैसे बीते इसका बयान तो ७७ साल का या उससे ज़ायदा आयु का व्यक्ति ही कर सकता हैं। फ़िलहाल इतना हमे मालूम हैं कि राजनीति के कारण आरक्षण ने देश की भावी पीढ़ी का भविष्य बिगाड़ दिया हैं। रात दिन मेहनत करने वाले छात्र-छात्राए कभी आरक्षण के कारण- कभी पेपर आउट से अपना भविष्य बिगाड़ बैठे हैं। कोई होनहारों ने आत्महत्या तक कर ली और कइयो ने अपराध का रास्ता चुन लिया। ज़िम्मेदार नेताओ ने इसकी तनिक भी चिन्ता नहीं की और नक़ल माफिया का एक अलग ही वर्ग बन गया जिसमे राजनेताओं की भी हिस्सेदारी रहती। पैसा दो- पेपर लो यहाँ तक की नौकरी लगवाने का भी एक धन्धा पनप गया। लेकिन समय के साथ बदलाव के भी संकेत आये। हमने इन दिनों में कुछ नई उपलब्धियाँ देखी। नक़ल करने वाले या करवाने वाले गिरोह पकड़े गये। उनकी राजनेताओं से साँठगाँठ का पता चला। आज वो जेल के सींकचों में हैं। बदलाव की इस बयार् में अयोध्या में राम मन्दिर भी बन गया। कश्मीर पूर्णतया हमारा हो गया। धारा ३७० हटा दी गई। तीन तलाक़ से परेशान मुस्लिम महिलाओं को राहत मिली। भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी जेल के सींकचों में बन्द होने लगे। राजनीति के बाहुबली आज़मख़ान जैसे लोग और यहाँ तक की दिल्ली के मुख्यमन्त्री तक को जेल की हवा खानी पड़ी। परिवर्तन तो आया हैं इसमें कोई सन्देह नहीं। देश की रहनुमाई अब एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में हैं। जो जनता के लिए समर्पित हैं जिसने जनता की भलाई के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया हैं। वह मौज करने के लिए नहीं पैदा हुआ है, मेहनत करने के लिए, जनता की सेवा के लिए जन्मा है अब आपको उसके हाथ मज़बूत करने हैं। यही वो वक़्त हैं जब देश में छाया अंधियारा उजाले में तब्दील हो सकता है। अब देर किस बात की। एक एक वोट के लिए, ज़मीन पर उतर कर सबको काम करने की आवश्यकता हैं। किसी तरह का बाद में कोई अफ़सोस नहीं रहे। यह लड़ाई हिंदुत्व, स्वाभिमान, संस्कृति, बचाने की एवम् हमारे बच्चों के भविष्य के लिए हैं। और सभी को ईमानदारी से अपनी आहुति देनी होगी। आज जो काम हम वोट देकर, दिलवाकर कर लेंगे, कभी वो ज़िंदगी देकर भी नहीं होंगा। इस काम को इबादत समझकर पूरा कीजिए।

राष्ट्र हित में मतदान करने के 75 कारण

1. श्रीराम मंदिर
2. CAA
3. नई शिक्षा नीति
4. धारा 370
5. तीन तलाक़
6. GST
7. Demonetisation
8. महिलाओं को खुले में शौच से मुक्ति
9. महिलाओं को जहरीले धुएं से मुक्ति
10. संसद में 33% महिलाओं को आरक्षण
11. गरीबों के सिर पर छत
12. करोड़ों को नल से पानी
13. आयुष्मान भारत
14. स्वच्छ भारत मिशन
15. दुनियां की 5वीं आर्थिक शक्ति
16. भ्रष्ट्राचार मुक्त सरकार
17. MSP पर फसलों की खरीद
18. पहले दलित राष्ट्रपति, अब आदिवासी राष्ट्रपति
19. केंद्र सरकार की वैकेंसी में ओबीसी को आरक्षण
20. गुलामी से मुक्ति
21. एक देश, एक चुनाव पर कारगर कदम
22. फ्री राशन
23. सशक्त सेना
24. आधुनिक हथियारों का स्वदेशी निर्माण
25. विदेशी NGO पर नकेल
26. FCRA मजबूत, देश विरोधी NGO गायब
27. नक्सलियों पर नकेल
28. विदेशी मिशनरियों पर नकेल
29. स्वदेशी टिके से फार्मा लॉबी को झटका
30. अंतरिक्ष पर कब्जा, चन्द्रमा पर चंद्रयान
31. एक करोड़ को शौर्य ऊर्जा का वादा
32. IIT की भरमार
33. हर राज्य में एआईआईएमएस
34. फिर विश्व गुरु बनने की ओर
35. भ्रष्टाचार मुक्त मिनिस्ट्री
36. जीरो बम धमाके
37. दुनियां में दूसरे नंबर पर मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग
38. 100% रेलवे विद्युतीकरण की तरफ़ अग्रसर
39. मानव रहित रेल गेटों का खात्मा
40. 12.1 km प्रतिदिन से बढ़ कर 28.6 km प्रतिदिन सड़कों का निर्माण
41. सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों की संख्या 40 पहुंची, जल्द ही 75 करने का इरादा
42. ट्रेन की पुरानी बोगियों को वंदे भारत जैसी बदलना
43. हर जिले में मेडिकल कालेज
44. सभी धामों को हाईवे से जोड़ना
45. सीमा पर स्थित सभी गांवों को देश का पहले गांव में बदल उन्नत करना
46. बुलेट ट्रेन
47. बड़े शहरों को मेट्रो से जोड़ना
48. UPI (डिजिटल पेमेंट)
49. कोविड हैंडलिंग और मुक्त टीकाकरण
50. सरदार पटेल, भगत सिंह को सम्मान
51. भारत जन धन, आधार, मोबाइल (JAM)
52. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में विश्व गुरु
53. आतंक विरोधी प्रावधान को सशक्त करना
54. पाकिस्तान को विश्व स्तर पर अलग थलग करना
55. नमो ट्रेन
56. रिजर्व डॉलर का उच्च स्तर पहुंचाना
57. राफेल का भारत आना
58. जन धन योजना
59. सर्जिकल स्ट्राइक
60. किसान सम्मान निधि योजना
61. पीएम गरीब कल्याण योजना
62. डिजिटल इंडिया
63. स्मार्ट सिटी
64. नमामि गंगे योजना
65. नया संसद भवन
66. आदर्श ग्राम योजना
67. कौशल विकास
68. पीएम किसान सम्मान निधि
69. कृषक उन्नति योजना
70. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
71. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना
72. अटल पेंशन योजना
73. मेक इन इंडिया
74. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
75. 80 नये एयरपोर्ट

✌️मतदान के दिन बाहर घूमने ना चले जाने अपनी जवाबदारी हे मतदान अवश्य करें✌️

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