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बीकानेर,राजस्थान में चुनाव से पहले एक बार फिर मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें तेज हो गई है। गहलोत आज राहुल गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। सीएम गहलोत की दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।खड़गे की गहलोत से मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और संगठन में नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है। बता दें, पायलट कैंप लंबे समय से संगठन और मंत्रिमंडल विस्तार में बदलाव की मांग करता रहा है। हालांकि, पायलट कैंप के समर्थकों को मंत्री बनाकर एडजस्ट कर दिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान एंटी-इनकम्बेंसी को समय रहते भांपकर उसके तीखेपन को कम करने की योजना पर काम कर रहा है। जिसके तहत अपने क्षेत्र में सत्ता विरोधी लहर का सामना कर रहे मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है।

एंटी इनकंबेंसी का डर

राजस्थान में ऐसी चर्चा है कि जिन मंत्रियों की जनता से दूरी है। परफॉर्मेंस ठीक नहीं है। ऐसे मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है। मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में पिछले साल जब सीएम गहलोत से मीडिया ने सवाल किया था। जवाब में गहलोत ने कहा कि मोदी ने मीडिया से पूछकर मंत्रिमंडल का विस्तार किया था क्या? मंत्रिमंडल विस्तार पर पार्टी आलाकमान को ही निर्णय करना है। हालांकि, सीएम गहलोत अपने मंत्रियों के कामकाज के खुश है। गहलोत कहते रहे हैं कि मंत्रियों का कामकाज संतोषजनक है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भले ही सीएम गहलोत मंत्रियों की परफॉर्मेंस से खुश हो लेकिन गहलोत के कैबिनेट के एक दर्जन मंत्री सत्ता विरोधी लहर का सामान कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। हालांकि, निर्णय पार्टी आलाकमान को करना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हर सरकार को किसी न किसी स्तर पर एंटी-इनकम्बेंसी या सरकार विरोधी भावनाओं का सामना करना ही पड़ता है। चुनावी रणनीति में कुशल पार्टियों और नेताओं की खूबी इस बात में होती है कि वे एंटी-इनकम्बेंसी को समय रहते भांपकर उसके तीखेपन को कम करने की योजना बनाते हैं

गहलोत बोले- मुख्यमंत्री का निर्णय आलाकमान का

दिल्ली पहुंचे अशोक गहलोत से जब इस बारे में सवाल किया गया कि कांग्रेस के ऑफिशयल इंस्टाग्राम अकाउंट पर जो वीडियो लगाया गया है, क्या गहलोत ही 2023 में भी मुख्यमंत्री के चेहरे होंगे। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में हमेशा से यह रिवाज रहा है कि चुनाव के बाद कांग्रेस आलाकमान ही यह तय करता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा? उन्होंने कहा कि हम सब साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं और जब नतीजे आते हैं। उसके बाद आलाकमान ही तय करता है कि मुख्यमंत्री कौन होगा और आलाकमान के निर्णय को हम सब मानते हैं। वहीं गहलोत ने इशारा किया कि वह आज मल्लिकार्जुन खड़गे के बाद अब राहुल गांधी और सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकते है।

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