बीकानेर,साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के युवा पुरस्कार से सम्मानित कवि आशीष पुरोहित का रविवार को स्थानीय धरणीधर रंगमंच नगर की 121 संस्थाओं द्वारा नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह पुरस्कार आशीष की राजस्थानी कृति ‘अैनांण’ का पिछले दिनों नई दिल्ली में आयोजित समारोह में अर्पित किया गया। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के उपाध्यक्ष डॉ.अर्जुनदेव चारण के सानिध्य में आयोजित इस समारोह की मुख्य अतिथि महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित और विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ रंगकर्मी पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ थे। अध्यक्षता पूर्व सरपंच व वरिष्ठ समाजसेवी रामकिसन आचार्य थे।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के उपाध्यक्ष कवि, नाटककार व आलोचक डॉ.अर्जुनदेव चारण ने इस अवसर पर कहा कि तात्कालिकता में सृजन संभव नहीं है। सृजन अपना समय लेता है और ऐसा ही होना चाहिए। ‘अैनांण’ की कविताओं के माध्यम से मैं यह भरोसा दिलाता हूं कि राजस्थानी कविता की पीठ कमजोर नहीं है। आशीष की कविताएं स्वयं को परिमार्जित होते हुए आगे बढ़ती है, इनकी कविता के संवाद करते हुए पढऩे वाले का झकझोरती है।
मुख्य अतिथि महापौर सुशीलाकंवर राजपुरोहित ने कहा कि कविता करना आसान काम नहीं है,लेकिन आशीष पुराहित का युवा कविता के लिए पुरस्कार मिलना, इस बात का भरोसा है दिलाता है कि उन्होंने इस दिशा में गहन अध्ययन-मनन किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रामकिसन आचार्य ने कहा कि किसी भी शहर की पहचान उसके सांस्कृतिक वैभव से होती है। लिखने-पढऩे वाले शहर के युवाओं में साहित्य के प्रति अभिरुचि परंपरा का संवद्र्धन है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादीÓ ने इस अवसर पर कहा कि आशीष एक कवि से अधिक अध्ययनशील पाठक है, जिसे समकालीन साहित्य की गहरी समझ है। राजस्थानी की युवा कविता का आशीष प्रतिनिधि कवि है।
आशीष पुरोहित ने इस अवसर पर कहा कि इतना पढऩे के बाद जब लिखने की बारी आती है तो लगता है कि वह क्या है, जो लिखने से रह गया है। ऐसे में लगता है कि अभी तो लिखा हुआ ही पढ़ लूं तो बेहतर है। यही मेरी रचना प्रक्रिया है और यही मेरी चुनौती।
प्रारंभ में स्वागत भाषण प्रख्यात उपन्यासकार अनिरुद्ध उमट ने दिया। कवि-आलोचक प्रकाशदान चारण ने पुरस्कृत कृति ‘अैनांण’ पर पत्रवाचन किया। कवयित्री-कथाकार ऋतु शर्मा ने अभिनंदन-पत्र का वाचन किया। संचालन कवि-लेखक हरीश बी.शर्मा ने किया। आभार वरिष्ठ कथाकार कमल रंगा ने स्वीकार किया।
इस अवसर पर नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका, भाजपा नेता मोहन सुराणा, डी.पी.पच्चीसिया, राजेंद्र जोशी, वीरेंद्र किराड़ू, डॉ.ओम कुवेरा, आनंद जोशी, दुर्गाशंकर आचार्य, रवि माथुर, विवेक शर्मा, आर.के.सुतार, राजेंद्र जोशी, अनुराग हर्ष, सुकांत किराड़ू, संजय पुरोहित, निर्मल कुमार पुरोहित, नदीम अहमद ‘नदीम’, हरिराम बिश्नोई, राजेश चौधरी, भवानी जोशी, श्याम मारु, जयनारायण बिस्सा, शकील अंसारी, चंद्रशेखर श्रीमाली, नितिन वत्सस, विनोद जोशी, अशोक शर्मा, गोविंद जोशी, कासिम बीकानेरी, अशोक बोहरा, उदय व्यास, सीताराम कच्छावा, भरत पुरोहित, शशांक शेखर जोशी, गोविंद रामावत, ज्ञानवती शर्मा, प्रियंका बिस्सा, गायत्री शर्मा, बिंदु शर्मा, कांता पुरोहित, विनीता शर्मा, आर.के.शर्मा, राजेश के.ओझा, मनमोहन शर्मा, विपिन पुरोहित, सुनीलम, रामसहाय हर्ष, राजाराम स्वर्णकार, जे.पी.व्यास, नगेंद्र किराड़ू, गंगाबिशन बिश्नोई, कमलेश शर्मा, अरविंद व्यास, रमेश शर्मा, राहुल जादूसंगत, नवीन आचार्य, अमित जोशी सहित अनेक गणमान्यों ने आशीष का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि महापौर सुशीलाकंवर राजपुरोहित ने कहा कि कविता करना आसान काम नहीं है,लेकिन आशीष पुराहित का युवा कविता के लिए पुरस्कार मिलना, इस बात का भरोसा है दिलाता है कि उन्होंने इस दिशा में गहन अध्ययन-मनन किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रामकिसन आचार्य ने कहा कि किसी भी शहर की पहचान उसके सांस्कृतिक वैभव से होती है। लिखने-पढऩे वाले शहर के युवाओं में साहित्य के प्रति अभिरुचि परंपरा का संवद्र्धन है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार व साहित्यकार मधु आचार्य ‘आशावादीÓ ने इस अवसर पर कहा कि आशीष एक कवि से अधिक अध्ययनशील पाठक है, जिसे समकालीन साहित्य की गहरी समझ है। राजस्थानी की युवा कविता का आशीष प्रतिनिधि कवि है।
आशीष पुरोहित ने इस अवसर पर कहा कि इतना पढऩे के बाद जब लिखने की बारी आती है तो लगता है कि वह क्या है, जो लिखने से रह गया है। ऐसे में लगता है कि अभी तो लिखा हुआ ही पढ़ लूं तो बेहतर है। यही मेरी रचना प्रक्रिया है और यही मेरी चुनौती।
प्रारंभ में स्वागत भाषण प्रख्यात उपन्यासकार अनिरुद्ध उमट ने दिया। कवि-आलोचक प्रकाशदान चारण ने पुरस्कृत कृति ‘अैनांण’ पर पत्रवाचन किया। कवयित्री-कथाकार ऋतु शर्मा ने अभिनंदन-पत्र का वाचन किया। संचालन कवि-लेखक हरीश बी.शर्मा ने किया। आभार वरिष्ठ कथाकार कमल रंगा ने स्वीकार किया।
इस अवसर पर नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका, भाजपा नेता मोहन सुराणा, डी.पी.पच्चीसिया, राजेंद्र जोशी, वीरेंद्र किराड़ू, डॉ.ओम कुवेरा, आनंद जोशी, दुर्गाशंकर आचार्य, रवि माथुर, विवेक शर्मा, आर.के.सुतार, राजेंद्र जोशी, अनुराग हर्ष, सुकांत किराड़ू, संजय पुरोहित, निर्मल कुमार पुरोहित, नदीम अहमद ‘नदीम’, हरिराम बिश्नोई, राजेश चौधरी, भवानी जोशी, श्याम मारु, जयनारायण बिस्सा, शकील अंसारी, चंद्रशेखर श्रीमाली, नितिन वत्सस, विनोद जोशी, अशोक शर्मा, गोविंद जोशी, कासिम बीकानेरी, अशोक बोहरा, उदय व्यास, सीताराम कच्छावा, भरत पुरोहित, शशांक शेखर जोशी, गोविंद रामावत, ज्ञानवती शर्मा, प्रियंका बिस्सा, गायत्री शर्मा, बिंदु शर्मा, कांता पुरोहित, विनीता शर्मा, आर.के.शर्मा, राजेश के.ओझा, मनमोहन शर्मा, विपिन पुरोहित, सुनीलम, रामसहाय हर्ष, राजाराम स्वर्णकार, जे.पी.व्यास, नगेंद्र किराड़ू, गंगाबिशन बिश्नोई, कमलेश शर्मा, अरविंद व्यास, रमेश शर्मा, राहुल जादूसंगत, नवीन आचार्य, अमित जोशी सहित अनेक गणमान्यों ने आशीष का स्वागत किया।