बीकानेर, उदयरामसर के भगवान कुन्थुनाथ जैन मंदिर में शनिवार को जैन बोथरा सहित विभिन्न जाति समुदाय की कुलदेवी आशापुरा की प्रतिमा की प्रतिष्ठा भक्ति गीतों व मंत्रोच्चारण और जयकारों के साथ की गई। बड़ी संख्या में बीकानेर, गंगाशहर, भीनासर सहित विभिन्न स्थानों से आए श्रावक-श्राविकाओं ने नवस्थापित देवी की प्रतिमा की स्तुति, वंदना वंदना की।
भगवान कुंथुनाथ मंदिर में भगवान कुन्थुनाथ, दादा गुरुदेव कुशल गुरु, शांति विजय, नाकोड़ा भैरव, देवी अम्बिका, देवी पद्मावती, भोमियाजी व नाकोड़ा भैरव की प्रतिमाओं पर विशेष अंगी कर पूजा की गई। सहित विभिन्न प्रतिमाओं के आकर्षक श्रृंगार व अंगी की गई।
जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वरिष्ठ साध्वीश्री शशिप्रभा की प्रेरणा से सिरोही के सुप्रसिद्ध विधिकारक मनोज कुमार बाबूमल हरण ने प्रतिमा की प्रतिष्ठा करवाई। श्री भगवान कुन्थुनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर व श्री जैन श्वेताम्बर संघ उदयरामसर की ओर से आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव में घाणेराव पाली के विधिकारक पीयूष भाई व गौरव भाई ने भक्ति संगीत के साथ मंत्रोच्चारण किया।
पुस्तिका का लोकार्पण
मंदिर में देवी की प्रतिष्ठा के अवसर पर उदयरामसर के दानवीर, भामाशाह, समाजसेवी एवं उद्योगपति स्वर्गीय थानमल बोथरा की स्मृति में प्रकाशित ’’श्री श्री 1008 श्री आशापुरा माताजी’’ पुस्तिका का लोकार्पण कर श्रावक-श्राविकाओं में वितरित की गई। पुस्तिका में दुर्गा सप्त सती में देवी कवच का हिन्दी रूपान्तरण, क्षमा प्रार्थना व आरती, माता आशापुरा की वंदना व स्तुति, मा अम्बे की आरती, देवी की प्रसन्नता के लिए 9 नियम, भजन ’’मां बाप को मत भूलना’’ गणेशजी, देवी लक्ष्मीजी सरस्वती की आरती, श्री आशापुरा व दुर्गा चालीसा के साथ बोथरा जैन वंशावली का वर्णन है । पुस्तिका में रताणी बोथरा के उदयरामसर आने की भी संक्षिप्त जानकारी है।