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बीकानेर, श्रीगंगानगर,कांग्रेस के राज में विधायकों की प्रशासन में दखलअंदाजी के एक से एक उदाहरण पिछले पांच साल में देखने को मिले है कई बार तो सीएम को भी सरकार बचाने के लिए मजबूरन चुप रहना पड़ा है। इसी आदत से मजबूर मदांध कांग्रेसी विधायक आदर्श आचार संहिता लागू होने की भी परवाह नहीं कर रहे। एक तरफ पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है इसी बीच यह खबर राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से आ रही है जहां सत्ता के नशे में चूर पेशे से वकील सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के सादुलशहर विधायक जगदीश जांगिड़ अपने चहेते शराब ठेकेदार के साथ बातचीत में आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते सुनाई पड़ते हैं। आचार संहिता से कुछ दिन पूर्व पुलिस कप्तान द्वारा खाली पड़े थानों में थानाधिकारियों का किया गया पदस्थापन न केवल विधायक जी से जुड़े शराब ठेकेदारों को नागवार गुजरा बल्कि विधायक महोदय भी इस पदस्थापन सूची में मनमाफिक थानेदार नहीं लगाने से खासे नाराज़ नज़र आए। गुस्से गुस्से में उन्होंने सीएम साब से बात कर न केवल थानेदार बदलवा डाला बल्कि जिला कप्तान को भी आरएसएस का एजेंट घोषित करते हुए चंद दिनों में ही जिला बदर करवाने की प्रतिज्ञा ली है। इस घटना से संबंधित एक ऑडियो पुलिस महकमें और जागरूक वोटर्स के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमे माननीय सादूलशहर विधायक महोदय अपने किसी खास शराब ठेकदार के साथ हुई बातचीत में उनके द्वारा ठेकेदार जी के हित में उठाए गए कदमों को बताने के साथ साथ सीएम साब से बात कर एसपी को चलता करवाने की घोषणा कर रहे हैं। निश्चित रूप से विधायक जी ने ताकत का प्रदर्शन कर अपने आदमियों को खुश करके अपनी टिकट और जीत सुनिश्चित कर ली है लेकिन अब देखने वाली बात यह है कि कांग्रेस पार्टी, विधायक जी के सीएम साब और हमारा चुनाव आयोग इस पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त करता है।हालांकि पार्टी के सर्वे में इन ताकतवर विधायक जी की स्थिति बहुत कमजोर पाई गई है।

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