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बीकानेर,बीकानेर शहर समेत ग्रामीण अंचल में मस्ती व हास-परिहास के पर्व होली का एक पखवाड़ा शेष रहने के साथ ही परम्परागत खेल व चंग की थाप पर धमाल शुरू हो गई है। इससे चारों ओर फाल्गुनी गीतों की गूंज सुनाई देने लगी है। गांवों की चौपालों में दोपहर बाद से लोग चंग के साथ धमाल गाते नजर आने लगे है। देर रात तक धमाल के साथ लोग नृत्य करते है।

होली के परम्परागत खेल हरदड़ा, धोळियो भाटो, कब्बडी, सतौलियो समेत अन्य खेल भी खेले जा रहे है। इलैक्ट्रॉनिक्स की दुकानों के अलावा वाहनों भी होली की धमाल के गीतों की गूंज सुनाई देती है।
गांव में कई जगहों पर होली का खेल हरदड़ा खेलते युवा दिखाई देने लगे है। इसके अलावा बाजार व मोहल्लों में कई जगहों पर कई दिनों से चंग की थाप पर होली की धमाल रसिये देर रात तक गा रहे है।
खारड़ा गांव के युवाओं ने भी होली के अवसर पर हर वर्ष की भांति फागोस्त्व पर चंग धमाल शुरू हो गई है यहां गांव की मुख्य गुवाड़ में फाल्गुन में चंग मंडली सदस्यो द्वारा चंग पर राजा बल के दरबार मची होली ,लक्ष्मण के बाण लाग्यो शक्ति ,देवर महारो रे, धोला गढ़ में राज आदि धमाल गा कर लोगो का मन मोह लेते है
चंग मंडली में श्याम सारस्वत,रतिराम सारस्वा,बनवासी शर्मा ,दामोदर सारस्वत,कालूराम नंदू , राकेश शर्मा ,गोविंद सारस्वत रामदेव शर्मा ,कालूराम सारस्वत सहित युवावो द्वारा प्रस्तुति दी गई

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