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बीकानेर,ग्राम खारड़ा के हरिराम जी मंदिर में चल रही श्रीराम कथा के चौथे दिन राम के जन्म होते ही पंडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। कथावाचक हरिदास जी महाराज ने कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है। हरिदासजी महाराज ने कहा कि राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुलगुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। जहां वशिष्ठ द्वारा श्रृंगी ऋषि से शुभ पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते है। यज्ञ कुंड से अग्नि देवता का प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं। जिसके बाद राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को खीर देते है। उस खीर के खाने से तीनों रानियों को भगवान राम सहित भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। इस अवसर पर सभी ग्रामवासी पुरुष , महिलाए,बच्चो सहित पंडाल भर गया ।

पंडित श्रवण सारस्वत खारड़ा ने इंडिया की आवाज को बताया की नित्य प्रति दिन चल रही इस रामकथा का लोग भरपूर लाभ ले रहे हैं
और सुबह प्रभात फेरी गांव की गलियों जब जब निकलती हैं तब महिलाए गलियों की अच्छी तरह से साफ सफाई कर के घरों के आगे रंगोली और दीपक जला कर और पुष्प वर्षा कर के प्रभात फेरी का स्वागत करती हैं

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