
बीकानेर,राष्ट्र के महान पार्श्वगायक रहे मोहम्मद रफी की 45 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर गुरुवार की संध्या को महाराजा नरेंद्र सिंह ऑडोटोरियम में आयोजित पार्थ दिवाकर म्यूजिकल ग्रुप द्वारा रफी नाईट गीत संगीत के कार्यक्रम में रफी के खुद द्वारा गाए सदाबहार गीतों से उन्हें कलाकारों ने “स्वरांजलि” दी।
कार्यक्रम आयोजक दिनेश दिवाकर ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत में मां सरस्वती के चित्र पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजयुमो चिकित्सा प्रभारी अनिल सिंह भाटी, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व पार्षद सुनील बांठिया , विशिष्ठ अतिथि बीकानेर दवा एसोसिएशन सचिव किसन जोशी, साहित्यकार कमल रंगा, बीजेपी नेता जयनारायण मारू, सैय्यद अख्तर, शाकिर हुसैन चौपदार, सुनील शादी ने पुष्प चढ़ाकर कर शुरुआत की।
इस अवसर पर गायक कलाकारों जिसमें दिनेश दिवाकर ने ” ने किसी की आंख का नूर हूं न कि किसी के दिल का क़रार हूं”…,
ओलिवर नानक ने ” बर्बाद -ए-मोब्बत की दुआ साथ लिए जा”…,
ओम कोटनीस ने ” रूख से जरा नक़ाब उठा दो, मेरे हुजूर…,
रामकिशोर यादव ने “ये खिड़की, खिड़की,ये खिड़की ये खिड़की जो बंद रहती है” …, नंदकिशोर पंवार ने” दिल कहे रूक जा रे रूक जा, यहीं पे कहीं जो बात इस जगह में, है कहीं पे नहीं…, पवन शर्मा ने “भरी दुनिया में आखिर अफसाने कहा जातें हैं”…,
मंजीत चांवरिया ने ” नफरत की दुनिया को छोड़ के”…, राधाकृष्णन सोनी ने ” सर जो तेरा चकराए, या दिल डूबा जाये आजा प्यारे पास हमारे, काहे घबराय, काहे घबराय “…, राधेश्याम ओझा एवं वीणा ओझा ने डुएट सोंग्स ” सौ साल पहले मुझे तुम से प्यार था “…,
जाकिर ने ” पर्दा है पर्दा,परदे के पीछे पर्दानशीन है “…, पीके चढ्ढा ने” ये रंग और नूर की बारात किसे पेश करूं “…, इंजीनियर कमलकांत सोनी ने आसमान से आया फरिश्ता”…,
एवं हेमंत पुरोहित,संजय मोदी, रामकुमार व्यास,सोनू टाईगर, रमेश कुमार तेजी, दुर्गाराम तेजी , राजेश पंडित, प्रदीप मारू, शमी जावा सहित आदि गायक-कलाकारों द्वारा कार्यक्रम में रफी साहब के लोकप्रिय गीतों को प्रस्तुत किया उन्हें श्रद्धांजलि दी ।
इस अवसर पर पूर्व पार्षद सुनील बांठिया ने कहा इस तरह के कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य रफी साहब को याद करना और उनके भारतीय फिल्म संगीत में दिये योगदान को स्वीकार करना है। तथा कार्यक्रम में सभी कलाकारों द्वारा उनके गानों को गाकर उन्हें याद किया जा रहा है।