
बीकानेर,भारतीय कला संस्कृति अपनी एक अलग पहचान रखती है। भारत कि इस कला संस्कृति से प्रभावित हुवे श्रीलंका के कोलम्बो शहर से आर्टिस्ट एनेस्को बीकानेर पंहुचे। यहाँ कला शोध के विषय को लेकर बीकानेर गोल्डन आर्ट अकेडमी के चित्रकार राम कुमार भादाणी से एक दिवसीय बीकानेर की सुनहरी कलम पर होने वाले कार्य कि बारीकीयों को जाना।
जिसमे उन्होंने पारमपरिक अंकन, मनोवत का कार्य, सोने के वर्क लगाना, उस पर श्याही से रेखांकन ओर रंगो कि भराई के पुरी जानकारी को बारीकी से सीखा। एक पूरा कलात्मक रूप फोटो फ्रेम बनाकर कार्य की पूर्ण जानकारी प्राप्त की। श्रीलंका से आये एनस्को बीकानेर में सुनहरी कलम पर पिछले कई समय से शोध का कार्य तहे है। भादाणी से इन्होने सुनहरी कलम का एक दिवसीय पूर्ण प्रशिक्षण लिया जिसमे इन्होने कार्य कि बारीकीयों से रूबरू होकर प्रशिछण पूर्ण किया । भादाणी ने बताया की सुनहरी कलम को भारतीय कला के रूप में जीवंत रखने के लिए अथक प्रयासरत है। इससे पूर्व व usa के स्टूडेंट, केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व भारती शांति निकेतन, एनआईएफटी एनआईडी, पीएम श्रीनवोदय विद्यालयों के साथ साथ अन्य कई महाविद्यालयों में सुनहरी कलम का प्रशिक्षण दे चुके है।