बीकानेर, राजस्थान ललित कला अकादमी द्वारा सुदर्शना कला दीर्घा में आयोजित चार दिवसीय संयुक्त कला प्रदर्शनी ‘मरू चित्रस्य’ का गुरुवार को समापन हुआ।
समापन समारोह के अतिथि के रूप में शिवबाड़ी मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी विमर्शानंद, सीएमएचओ डॉ. मोहम्मद अबरार पंवार, कलाविद महावीर स्वामी एवं वरिष्ठ चित्रकार कलाश्री मौजूद रहे।
समापन समारोह में डॉ. राकेश किराडू और डॉ. मोना सरदार डूडी ने प्रदर्शनी के आयोजन और उनके उद्देश्यों को प्रस्तुत किया।प्रदर्शित कलाकृतियों की विशेषताओं के बारे में बताया।
सीएमएचओ डॉ अबरार ने ललित कला अकादमी के प्रयासों को सराहा और कहा कि ऐसे आयोजन भविष्य में होते रहें, जिससे बीकानेर के कला प्रेमियों को यहाँ की कला की महत्व के बारे में पता चल सके।
स्वामी विमर्शानंद ने कहा कि कलाकार वह है, जो अनुभूति करता है। बीकानेर के कलाकारों की कला को प्रोत्साहित करना चाहिए। समारोह में सभी प्रतिभागी कलाकारों को प्रमाण-पत्र दिए गए।
प्रदर्शनी के क्यूरेटर अनिकेत कच्छावा ने बताया कि चित्र प्रदर्शनी में बीकानेर संभाग के 47 वरिष्ठ एवं युवा कलाकारों की कलाकृतियाँ शामिल की गई। इनमें बीकानेर की पारंपरिक लघु चित्रशैली, उस्ता कला, बीकानेर की लोककला मथेरण, कुरेचन पद्धति से विष्टि चित्र, तेल व जल रंग, एक्रिलिक व ग्रेफाइट से बने यथार्थवादी और अमूर्त चित्रों के साथ-साथ कुछ भावविभोर मूर्तिकला भी शामिल रहे।
बीकानेर संभाग के कलाकारों ने मनुष्य की प्रवृत्ति व अंतर्द्वंद्व, सामाजिक व सांस्कृतिक विषय, ग्रामीण परिवेश, और बीकानेर की पुरातन धरोवर को बड़ी सहजता से उकेरा। राजस्थान ललित कला अकादमी के प्रयास से कलाकारों की कलाकृतियों को एक मंच पर प्रदर्शित किया जा सका, जिससे शहर के कला विद्यार्थी और कला प्रेमी विभिन्न कला शैलियों का अवलोकन कर सकें।