बीकानेर,भारत-पाक युद्ध 1971 के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर बीकानेर के डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में जनता भारतीय सेना का शौर्य देख सकेगी। यह आयोजन 16 मार्च को होगा। सेना की रणबांकुरा डिवीजन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है।
1971 का युद्ध के स्वर्ण जयंती वर्ष पिछले साल 16 से 18 दिसंबर तक मनाया जाना था। लेकिन कोरोना के तीसरी लहर के कारण रक्षा मंत्रालय से इसकी मंजूरी नहीं मिली थी। अब जीत का जश्न 16 मार्च को मनाने का फैसला किया गया है। इस मौके पर डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में 1971 के युद्ध के सीन को रीक्रिएट किया जाएगा। बीकानेर में खाजूवाला की सांचू सीमा चौकी पर यह लड़ाई लड़ी गई थी। सेना ने पाकिस्तान की रनिहाल सहित तीन चौकियां फतेह की थी। बीकानेर की जनता पहली बार देख सकेगी कि वह युद्ध किस तरह लड़ा गया था। इसे देखने के लिए करीब चार हजार स्कूली बच्चों और तीन हजार से अधिक वार योद्धाओं को भी आमंत्रित किया गया है।
हॉर्स शो में कैडेट्स दिखाएंगे करतब फर्स्ट राज आर एंड वी एनसीसी के कैडेट्स हॉस शो में घोड़ों पर हैरतअंगेज करतब दिखाएंगे। शो जंपिंग, टेंट पैगिंग जैसे इवेंट होंगे।
साइकिल रैली होगी: बीकानेर से खाजूवाला तक दो दिवसीय साइकिल रैली का भी आयोजन किया गया है। सेना के 40 जवान साइकिलों पर ग्रामीण क्षेत्रों से होते हुए खाजूवाला पहुंचेंगे। इस दौरान गांवों में पौधरोपण भी किया जाएगा। सैनिक स्कूली बच्चों से भी मिलेंगे।
आयुध प्रदर्शनी लगेगी,सैन्य हथियारों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। स्कूली बच्चे और युवा सेना के टैंक, गन, रडार सिस्टम, राइफल्स आदि हथियारों से परिचित हो सकेंगे। इन्हीं हथियारों के बल पर भारत ने पाक पर विजय हासिल की थी।
पूर्व सैनिक रैली भी,लंबे समय बाद बीकानेर में पूर्व सैनिक रैली का आयोजन होगा। जिले में करीब पांच हजार पूर्व सैनिक पंजीकृत हैं। सेना का मानना है कि करीब तीन हजार पूर्व सैनिक आयोजन में शामिल होंगे। इस मौके पर उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए कैंप भी लगाया जाएगा। विकलांग सैनिकों को ट्राई साइकिल, स्कूटर और व्हील चेयर दी जाएगी। वीर नारियों का सम्मान किया जाएगा।