जोधपुर,देश में ही सेना के लिए सस्ते हथियार, उपकरण, गोला बारूद और अन्य तकनीक को बढ़ावा देने के लिए रक्षा लेखा विभाग दो महीने बाद प्रबल योजना लॉन्च करेगा। इसके तहत स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को आठ से दस दिन के भीतर भुगतान की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उन्हें महंगे लोन लेकर महंगी चीजें नहीं बेचनी पड़े। उप कार्यालय के निरीक्षण के लिए जोधपुर आए रक्षा लेखा विभाग के मुखिया रक्षा लेखा महानियंत्रक रजनीश कुमार ने सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रबल योजना से विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं के बीच भेद खत्म हो जाएगा अभी विदेशों में होने वाली सैन्य सामग्री के आपूर्तिकर्ताओं को लगभग सप्ताह भर से भुगतान हो जाता है जबकि स्वदेशी आपूर्तिकर्ताओं को 4 से 6 महीने लग जाते हैं
बजट का 22 प्रतिशत पेंशन में.
देश में सेना का बजट करीब 4.50 लाख करोड़ रुपए है। इसमें 1.20 लाख करोड़ केवल पेंशन पर खर्च हो जाते हैं। देश में 13 लाख सैनिकों की तुलना में वर्तमान में 33 लाख पेंशनर्स हैं। जिससे सरकार पर काफी वित्तीय भार पड़ता है। रजनीश कुमार ने बताया कि सरकार पेंशन का भार कम करने के लिए अन्य तौर तरीकों पर विचार कर रही है ताकि पेंशन को सेल्फ जनरेट किया जा सके। हालांकि राज्य सरकारों की तरह न्यू पेंशन स्कीम समाधान नहीं है।
पेंशनर्स के लिए स्पर्श लॉन्च
देश के रक्षा पेंशनर्स को अधिक व त्वरित सुविधा प्रदान करने के लिए प्लेटफॉर्म स्पर्श लॉन्च किया गया है। इससे पेंशनर्स एक क्लिक पर अपनी पेंशन संबंधी समस्त सूचनाएं प्राप्त करने के साथ अन्य पूछताछ भी कर सकता है।
36 रफाल आए
रजनीश कुमार ने बताया कि फ्रांस से सभी 36 लड़ाकू विमान रफाल आ चुके हैं। इसका अंतिम बैच कुछ दिन पहले ही आया है।