बीकानेर,डेंगू के कारण मरीज ही नही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की जान भी सांसत में हैं। डेंगू के डंक से घायल थमने का नाम नहीं ले रहे। शनिवार को १३ नए मरीज रिपोर्ट हुए हैं। डेंगू के साथ अस्पताल में आ रहे वायरस थोम्बो साइटोपिनिया के मरीजों ने हालत खराब कर रखी है। स्वास्थ्य विभाग, एसपी मेडिकल कॉलेज, पीबीएम अस्पताल सहित जिला प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद टाइगर काबू नहीं आ रहा है। टाइगर की दहाड़ से पूरा जिला गूंज रहा है।
५१३ मरीज भर्ती
पीबीएम अस्पताल के विभिन्न वार्डों एवं एमसीएच में ५१३ मरीज भर्ती हैं। शुक्रवार को ४20 लोगों की डेंगू की जांच कराई गई, जिसमें से १३ में डेंगू की पुष्टि हुई। चार आईपीडी और नौ ओपीडी के मरीजों में डेंगू पाया गया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से अब तक नौ हजार ७९९ लोगों की जांच कराई गई, जिसमें से ३३७ मरीज रिपोर्ट हैं। तीन मरीजों की मौत हो चुकी है। हकीकत में डेंगू के ३५९ मरीज हैं।
टैंट लगाकर करनी पड़ रही व्यवस्था
डेंगू व वायरल के कारण सरकारी अस्पतालों में हालात खराब हो रहे हैं। स्थिति यह है कि ओपीडी में दिखाने आये मरीजों के कारण गैलरियों तक में भारी भीड़ जमा हो रही है। वहां खड़ा रहना तक दूभर हो रहा है। ऐसे में जिला प्रशासन ने आमजन व मरीजों की सुविधार्थ अस्पताल बिल्डिंग के सामने शामियाना लगाकर अस्थायी व्यवस्था की है। यहां टैंट में मरीज व परिजन बैठकर चिकित्सक को दिखाने व जांच कराने से पहले टोकन लेते है और अपनी बारी का इंतजार करते हैं। टैंट में ही नर्सिंगकर्मियों की टीम तैनात है जो पर्चियां देने के साथ-साथ मरीजों-परिजनों की काउंसिलिंग करती है।
फेंफड़ों व लीवर पर पड़ रहा असर
एसपी मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य एवं वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि डेंगू और वायरस थोम्बो साइटोपिनिया के मरीज अधिक आ रहे हैं। डेंगू का मच्छर 24 घंटे तक सक्रिय रहता है। इसके बाद स्वत: ही खत्म हो जाता है। मच्छर काटने से एक से दस दिन तक मल्टीप्लाई करता है। डेंगू का वायरस इम्युनिटी को प्रभावित करता है। रक्त कणिकाओं व शारीरिक कोशिकाओं पर दुष्प्रभाव डालता है। डेंगू से सर्वाधिक लीवर, फेंफड़ों को नुकसान होता है। इन दिनों जो डेंगू और वायरस थोम्बो साइटोपिनिया के मरीज आ रहे हैं, उनके फेफड़ों व पेट की झिल्ली में पानी भर रहा है। लीवर पर प्रभाव पड़ रहा है, जिससे मरीजों की हालात खराब हो रही है।
यह है ताजा आंकड़े
पीबीएम अस्पताल
– पीबीएम के मेडिसिन वार्डों में ३2९ मरीज
– एमसीएच विंग में १८४
– एमसीएच में 206 बैड खाली
– कुल मरीज ५१३
– नए एडमिशन 284
– डिस्चार्ज १६६
– शिशु अस्पताल में १५ मरीज
– हर दिन 225 से अधिक यूनिट ब्लड सप्लाई
– आरडीपी १2 से १३
– एसडीपी ३ से ४