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बीकानेर, राज्य सरकार ने इस सत्र से सभी माध्यमिक स्तर के विद्यालयों को हायर सेकेंडरी में स्तरोन्नत कर प्राचार्यों के अलावा उप प्राचार्यों के 12421 पद स्वीकृत किए हैं।दरअसल माध्यमिक विद्यालयों को समाप्त करने के साथ ही शिक्षा विभाग में एचएम का पद भी समाप्त कर दिया गया है. ऐसे में उप प्राचार्य के सभी पद डीपीसी के माध्यम से भरने का प्रावधान किया गया है। लेकिन शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों की इस मसले पर दो अलग राय है। एक पक्ष सभी पदों को डीपीसी से भरने के पक्ष में है। वहीं दूसरी ओर एचएम की तर्ज पर 50 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती की मांग कर रहा है.

16 नवंबर तक शिक्षा विभाग ने इस मुद्दे पर शिक्षकों से सुझाव मांगे थे। कई शिक्षकों ने अपने सुझाव भेजे हैं। एचएम के पदों की तरह ही उप प्रधानाध्यापकों के पदों पर भी 50 प्रतिशत सीधी भर्ती और 50 प्रतिशत पदोन्नति के लिए द्वितीय श्रेणी और तृतीय श्रेणी के शिक्षकों ने सुझाव भेजे हैं। वही व्याख्याताओं ने इन पदों को प्रोन्नति से भरने का सुझाव दिया है. व्याख्याताओं का कहना है कि 50 फीसदी पदों पर डीपीसी के प्रावधान से लंबे समय तक पद खाली रहेंगे।

व्याख्याता बोले- डीपीसी नहीं हुई तो पूरे प्रदेश में होगा आंदोलन
गुरुवार को शिक्षक संघ रेसला के बैनर तले व्याख्याताओं ने उप प्राचार्य पद के सुझाव के विरोध में राज्य सरकार के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. संगठन पदाधिकारियों ने बताया कि पदोन्नति विवाद को खत्म करने के लिए सीएम ने बजट 2021-22 में उप प्राचार्य बनाया था. कैबिनेट में इन पदों पर 100 फीसदी प्रमोशन की भी इजाजत दी गई. उसके बावजूद शिक्षा विभाग से सुझाव मांगना उचित नहीं है। संगठन के जिलाध्यक्ष रामनिवास कस्वां ने 20 नवंबर से पहले उप प्राचार्य पद पर डीपीसी की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।

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