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बीकानेर। राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्थान विधानसभा में बुधवार को प्रस्तुत किए गए बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने इसे राज्य बजट की बजाय वास्तविकता से परे केवल “घोषणा बजट” बताया है।

उन्होंने कहा कि कागजी घोषणाओं वाला यह बजट धरातलीय हकीकत से कोसों दूर है । प्रदेश की जनता राज्य सरकार द्वारा लगातार की जाने वाली थोथी घोषणाओं और झूठे वादों को अब अच्छे से समझने लगी है।

आचार्य ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिए गए पूर्व के बजट में भी बीकानेर शहर में चार से छह लेन सड़कें, पब्लिक हेल्थ कॉलेज, मल्टीपरपज इनडोर हॉल, मिनी फूड पार्क, आयुर्वेदिक नेचुरोपैथी सेंटर, स्वतंत्र मंडी की स्थापना, पेट स्कैन मशीन की स्थापना जैसी घोषणाएं अब भी पूर्ति की बाट जोह रही है तो नई घोषणाओं का हश्र आसानी से समझा जा सकता है ।

बीकानेर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा राजस्थान विधानसभा में बुधवार को प्रस्तुत किए गए राज्य बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा जिला मंत्री और जिला मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य ने इसे केवल थोथी घोषणाओं से भरा और आम जनता को लोकलुभावन सब्जबाग दिखाने वाला चुनावी बजट बताया है । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने केवल और केवल चुनावों को ध्यान में रखते हुए जनता को सब्जबाग दिखाने के लिए झूठी घोषणाओं के पुलिंदे वाला बजट प्रस्तुत किया है।

आचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आम जनता के अरमानों को आंसुओं में बहाने और आंकड़ों का मायाजाल बुनने में मास्टर हैं। उन्होंने इतने लम्बे बजट भाषण में केवल किया जाएगा-किया जाएगा की घोषणाएं तो की हैं लेकिन किस बजटीय प्रावधान के तहत और कैसे किया जाएगा उस बारे में कुछ नहीं बताया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा प्रस्तुत चुनावी चाशनीयुक्त इस बजट में घोषणाओं के धरातल पर क्रियान्वयन के लिए किसी भी प्रकार का बजटीय प्रबंधन और कैपिटल एक्सपेंडिचर प्रावधान का स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।

आचार्य ने कहा कि पूर्व में भी गहलोत सरकार द्वारा तीन बजट प्रस्तुत किए गए हैं परंतु उनमें सरकार के पास गिनाने लायक एक भी उपलब्धि ऐसी नहीं है जिनका धरातल पर क्रियान्वयन हुआ हो । इसी परंपरा को निभाते हुए कांग्रेस सरकार द्वारा बजट में एक के बाद एक लगातार खोखली घोषणाएं की जा रही है और कांग्रेस के नेता उन घोषणाओं पर सदन में जोर जोर से मेज थपथपा रहे हैं परन्तु उन घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए मौन हैं।

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