बीकानेर। अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष एमएस बिट्टा ने कहा है कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े कैंसर की समस्या का इलाज कर दिया है. देश में आतंकवादी हमलों की जड़ कश्मीर में ही थी। अब तक सरकारों ने वहां अरबों रुपए विकास के लिए भेजे। लेकिन उनका सही उपयोग नहीं हुआ. अब अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कश्मीर में जो भी पैसा लगेगा उससे विकास होगा। बीकानेर प्रवास के दौरान पत्रकारों से मुखातिब होते हुए एमएस बिट्टा ने कहा देश से आतंकवाद का पूरी तरह सफाया हो चुका है। भारतीय सेना सीमा पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देती हैं। सरकार ने सेना को पूरी छूट दे रखी है। अब सीमाओं पर गोली चलाने के लिये किसी के आदेश की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान कुछ करता है तो भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देती है। देश से आतंकवाद का सफाया हो चुका है। बिट्टा ने कहा कि आज आप पहले के और आज के जम्मू कश्मीर में फर्क देखें। छोटी घटनाएं होती रहतीं हैं। उन पर भी कार्रवाई जारी है। 26/11, पार्लियामेंट पर हमला, दिवाली पर बम ब्लास्ट, ट्रेन में ब्लास्ट जैसी घटनाएं अब नहीं होतीं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज में देश पूरी तरह सुरक्षित है।हमारा राष्ट्र हमेशा मजबूत रहे मां से यही कामना करने आया हूं। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को मेरी उम्र भी लग जाए। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र मजबूत हुआ है जिसका परिणाम है कि जम्मू और कश्मीर में अब फिजाएं बदल गई हैं। आए दिन होने वाली घटनाओं पर अंकुश भी लगा है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के मसले पर भी राजनीति करने वालों के ऊपर विराम लगा दिया है। यह अपने आप में राष्ट्र को मजबूत करने की पहल है। इसे हमें राजनीति से ऊपर उठकर देखना चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों से आग्रह किया कि आज हमें सबसे पहले राष्ट्र के प्रति सोचना चाहिए। बिट्टा ने युवाओं को राष्ट्र के प्रति कार्य करने के लिये सेना में शामिल होने का आग्रह किया।
राजनेता कुर्सी को दे रहे है महत्व
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राजनेता कुर्सी और सत्ता को महत्व देते हैं। राष्ट्र की सुरक्षा उनके लिए मायने नहीं रखती। विदेश नीति बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उनकी मां है लेकिन,वह सरदार पटेल और लाल बहादुर शास्त्री की परंपरा वाले कांग्रेसी है। यह बात और है कि आज कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं ने कुर्सी और सत्ता से नाता जोड़ लिया है।