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बीकानेर,पूगल में करोड़ो की जमीन घोटाले में निलम्बन के कारण सुर्खियों में आये बीकानेर तहसीलदार रामेश्वर गढ़वाल को एक ओर कारनामा सामने आया है। दरअसल ये मामला भी संयुक्त खातेदारी जमीन की बंटवारें का जिसमें तहसीलदार गढ़वाल ने जमीन से जुड़े दोनों पक्षों की बगैर सहमति ही तरमीम के आदेश जारी कर दिये जबकि संयुक्त खातेदारी की कृषि में बंटवारें और तरमीम का अधिकार न्यायालय,जिला कलक्टर अथवा उपखंड अधिकारी का होता है। जानकारी के अनुसार इस मामले को लेकर जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि ने जांच के आदेश दिये है। दरअसल,यह मामला ग्राम रावतसर कुम्हारान से जुड़ी संयुक्त खातेदारी की कृषि भूमि का है। इस जमीन पर फिलहाल दोनों पक्षों का कब्जा काश्त है। खसरा नंबर 216 की इस संयुक्त खातेदारी की कृषि भूमि को लेकर प्राथी हुक्माराम पुत्र स्व.बदरीराम कुम्हार निवासी रावतसर कुम्हारान तहसील बीकानेर ने जिला कलक्टर को दिये ज्ञापन में अवगत कराया कि यह भूमि पूर्व मेरे पिता स्व.बदरीराम की खातेदारी कृषि भूमि रही है। उनका देहावसान होने के बाद आशा देवी पत्नी स्व.बदरीराम, लीलाधर, हुक्माराम,धन्नाराम, पुत्रगण बदरीराम समेत सन्तोष पुत्री स्व.बदरीराम बहैसियत मालिक व काबिज काश्तकार हुए। इस खसरा नम्बर 216 में द्वारका प्रसाद सोनी व लक्ष्मी देवी सोनी ने इस संयुक्त खातेदारी कृषि भूमि में से कुछ हिस्सा खरीद किया हुआ है। जिन्होने तहसीलदार रामेश्वर गडवाल से साठ गांठ कर कृषि भूमि से जुड़े हम संयुक्त खातेदारो को बिना सूचना दिये और बिना सहमति के बिना ही मुख्य रोड़ पर स्थित भूमि को अपने नाम से तरमीम करने के आदेश करवा लिये है। जो सरासर विधि विरूद्ध व गैर कानूनी तौर पर किया गया कृत्य है। किसी भी सयुक्त खाते की कृषि भूमि को बंटवारा या तो न्यायालय में विभाजन का दावा प्रस्तुत कर अथवा समस्त काश्तकारों की आपसी लिखित सहमति से ही किया जा सकता है। तहसीलदार बीकानेर रामेश्वर गडवाल ने बिना विधिक प्रक्रिया ही 27 अगस्त 2024 को द्वारका प्रसाद सोनी व लक्ष्मी देवी सोनी के हक में मुख्य रोड स्थित कृषि भूमि को तरमीम करने के आदेश दे दिये है जो भ्रष्टाचार जीता जागता उदाहरण है। ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि तहसीलदार बीकानेर रामेश्वर गढ़वाल द्वारा पूर्व में पूगल व खाजूवाला में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार कारित किया है। जिसके कारण राज्य सरकार ने इन्हे निलम्बित कर दिया,जो फिलहाल कोर्ट के स्टे आर्डर पर अपने पद पर काबिज है। प्रार्थी हुक्माराम ने बताया कि तहसीलदार बीकानेर में मोटी रकम लेकर न्यायालय में दावा किये बिना या बिना खातेदारो की सहमति के नियमों को ताक में रखकर विधि विरुद्ध तरमीम करने के आदेश प्रदान कर दिये हैं। इसलिये मामलें की निष्पक्ष जांच करवाई जाकर बीकानेर तहसीलदार रामेश्वर गडवाल को निलम्बित किया जाये।

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