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बीकानेर/ मुक्ति संस्था के तत्वावधान में पहला पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार की घोषणा कर दी गयी है । मुक्ति संस्था के सचिव कवि- कथाकार राजेन्द्र जोशी ने बताया कि इस पुरस्कार के लिए देश भर के राजस्थानी साहित्यकारों से पुस्तकें आमंत्रित की गई थी । जोशी ने बताया कि राजस्थानी कथा साहित्य की 15 पुस्तकें प्राप्त हुई थी । निर्णायक मंडल द्वारा गहन अध्ययन के उपरांत उदयपुर की युवा कथाकार रीना मेनारिया के गायत्री प्रकाशन बीकानेर से प्रकाशित राजस्थानी उपन्यास नटणी री नौपत पर ग्यारह हजार रुपये का पहला पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा की गई है । जोशी ने बताया कि पुरस्कार के लिए प्राप्त पुस्तकों में कहानी, उपन्यास एवं लघुकथा की बेहतरीन पुस्तकें मिली जो राजस्थानी साहित्य को अन्य भारतीय भाषाओं के साथ खड़ी दिखाई देती है ।

पोकरमल राजरानी गोयल ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ नरेश गोयल ने प्राप्त पुस्तकों के लेखकों के प्रति आभार व्यक्त किया है जिन्होंने संस्था के आग्रह पर पुस्तकें भेजी । डॉ गोयल ने बताया कि 16 फरवरी 1982 को जन्मी रीना मेनारिया की राजस्थानी कहानी संग्रह घी रो दिवलो, तकदीर रा आंक और राजस्थानी उपन्यास पोतीवाड़ एवं नटणी री नौपत प्रकाशित हो चुके है । मेनारिया के हिन्दी में लगाव का रिश्ता व अन्य कहानियाँ, उधार के कौर और बनास पार कहानी संग्रह प्रकाशित हुऐ हैं ।
निर्णायक मंडल में साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य, कवयित्री-आलोचक डॉ रेणुका व्यास एवं साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार थे। जोशी ने बताया कि फरवरी माह के मध्य में बीकानेर में आयोजित समारोह में युवा कथाकार रीना मेनारिया को पोकरमल राजरानी गोयल स्मृति राजस्थानी कथा साहित्य पुरस्कार अर्पित किया जाएंगा ।

 

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