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बीकानेर, राजस्थान नर्सेज सयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले 47 दिन तक चले राज्यव्यापी आन्दोलन को संघर्ष समिति ने 1 सितम्बर को अति मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के वार्ता में सहमती होने पर 15 दिवस के लिए स्थगित किया था परंतु आज 25 दिन बीत जाने के बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा सहमति सिद्ध नर्सेज मांगो को उचित समाधान नही करके नर्सेज संवर्ग के साथ धोखा किया है जिसके चलते सयुक्त संघर्ष समिति ने 27 सितम्बर को राजधानी में पुनः नर्सेज महासभा बुलाई है ।

प्रांतीय संघर्ष समिति द्वारा बुलाई गई प्रांतीय महासभा में बीकानेर जिले का प्रतिनिधित्व करने एवम बीकानेर नर्सेज का पक्ष रखने को लेकर आज पीबीएम अस्पताल में बीकानेर नर्सेज सयुक्त संघर्ष समिति की बैठक हुई जिसमें संरक्षक श्रवण कुमार वर्मा, सयोजक अब्दुल वाहिद, छोटूराम चौधरी, रविंद्र विश्नोई, ज्योति पुनिया, सुशील यादव, श्रवण विश्नोई, प्रांतीय समिति सदस्य धन्नाराम नैन , नर्सेज नेता महिपाल चौधरी, राजेंद्र बिजारनिया, अमित वशिष्ठ , कपिल कटारिया,गोरधन सहित अन्य सक्रीय नर्सेज ने भाग लिया और उन्होंने विभागीय अधिकारियों की वादाखिलाफी की निंदा करते हुए पुन एकजुटता के साथ आर पार के संघर्ष का एलान करने का निर्णय लिया ।
संघर्ष समिति की संरक्षक श्रवण कुमार वर्मा ने बताया नर्सेज का आंदोलन 11 सूत्री मांग पत्र को लेकर जारी था जिसमे मुख्य रुप से संविदा एवम निविदा भर्ती के नाम पर नर्सेज का शोषण बंद हो तथा समस्त संविदा कर्मियों को सरकार नियमित करे ओर उनके संविदा सेवा काल का नोशनल लाभ दिया जाए, नर्सेज वेतन विसंगति, संविदा नर्सेज का नियमितीकरण, नर्सिंग निदेशालय की स्थापना , प्राथमिक उपचार का अधिकार, कैडररिव्यू, समयबद पदोन्नति, नर्सिंग ट्यूटर ए एन एम एल एच वी का पदनाम परिवर्तन, नर्सिंग छात्रों के स्टाई फंड में वृद्धि सहित अन्य मांगे पर विभागीय अधिकारियों की सहमती बनी थी परन्तु एक मात्र नर्सेज के ड्रेस परिवर्तन के आदेश करके नर्सेज को गुमराह किया जिससे समस्त नर्सेज में आक्रोश है ।
संघर्ष समिति सदस्यों ने बताया कि सरकार ने एक हाई पावर कमेटी का भी गठन किया था वो कमेटी भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है परंतु आज दिनाक तक विभागीय अधिकारियों द्वारा कमेटी की सिफारिशों को लागू नही किया गया है जिसके चलते नर्सेज को पुनः आंदोलन को विवश होना पड़ रहा है । 27 सितम्बर को राज्य भर के नर्सेज प्रतिनिधि पुन एक राय होकर एकजुटता के साथ आंदोलन का आगाज करेंगे जिससे आमजन, रोगी परिजनो को होने वाली परेशानी के लिए सरकार के आला अधिकारी जिम्मेदार होंगे ।

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