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बीकानेर,शिक्षा विभागीय खेलकूद प्रतियोगिताओं में राज्य स्तरीय तथा जिला स्तरीय चयन प्ररिया में समानता नहीं होने से खिलाड़ियों में रोष उत्पन्न हो रहा है। क्रिकेट प्रतियोगिताओं में जिला स्तर से राज्य स्तर के लिए 16 खिलाड़ियों का उनकी योग्यता के आधार पर चयन किया जाता है जबकि राज्य स्तर से राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण शिविर के लिए 25 खिलाड़ियों का चयन किया जाता है।

प्रशिक्षण शिविर में शामिल 25 खिलाड़ियों में से 16 खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय स्तर के लिए किया जाता है। इसी तरह तीरंदाजी प्रतियोगिता में भी केवल 4 खिलाड़ियों का चयन जिला स्तर से राज्य स्तर पर किया जाता है जबकि राज्य स्तर से राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण शिविर में 8 खिलाड़ियों का चयन किया जाता है तथा शिविर में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 4 खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर के लिए किया जाता है।

खिलाड़ियों का कहना है कि जब राज्य स्तर से राष्ट्रीय स्तर के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाता है तो जिला स्तर से राज्य स्तर के चयन के लिए भी

प्रशिक्षण शिविरों में इसी तरह की ि प्रक्रिया होनी चाहिए ताकि ऐसे खिलाड़ी जो किसी कारणवश अपनी परफॉर्मेंस नहीं कर सके वे प्रशिक्षण शिविर में अपना श्रेष्ठ देकर राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर सकें।

उनका कहना है कि जिला और राज्य स्तर पर एक ही खेल में अलग अलग चयन प्रक्रिया की वजह से कई अच्छे खिलाड़ी ए राज्य स्तर पर खेलने से वंचित हो जाते है। ऐसे खिलड़ियों का कहना है कि जिला स्तर पर भी प्रशिक्षण शिविरों में भी राज्य स्तर पर जितने खिलाड़ियों को प्रशिक्षण शिविर में बुलाया जाता है उतने ही खिलाड़ियों को इन प्रशिक्षण शिविरों में बुलाया जाए तथा उनमें से श्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन कर भेजा जाएं।

अंतराष्ट्रीय तीरंदाजी कोच अनिल जोशी का कहना है कि तीरंदाजी में जिला स्तर पर 4 खिलाड़ियों का सीधा चयन कर दिया जाता है जो कि निदेशालय की गाइड लाइन विपरित है। जिला स्तर पर भी 8 खिलाड़ियों का चयन किया जाना चाहिए तथा प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर श्रेष्ठ 4 खिलाड़ियों का राज्य स्तर के लिए चयन किया जाना चाहिए।

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