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बीकानेर,जिले में जल उपलब्धता की कमी तथा सिंचाई दक्षता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन पर “पर ड्राप मोर क्रॉप” योजनांतर्गत सूक्ष्म सिंचाई कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
उद्यान विभाग की उप निदेशक रेणु वर्मा ने बताया कि सब्जियों की खेती में स्थापित की जाने वाली ड्रिप के 245 हैक्टेयर, बगीचा स्थापना में उपयोग में आने वाली ड्रिप के 76 हैक्टेयर, मिनी फव्वारा के 635 हैक्टेयर तथा फव्वारा स्थापना के 7 हजार 783 हैक्टेयर के कुल 8 हजार 739 हैक्टेयर के लक्ष्य स्वीकृत कार्ययोजना में प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि स्वीकृत कार्ययोजना अनुसार किसानों से ऑनलाइन आवेदन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
उद्यान विभाग के सहायक निदेशक मुकेश गहलोत ने बताया कि ड्रिप क्लोज में 229.60 लाख, ड्रिप वाइड में 23.20 लाख, मिनी फव्वारा में 484.81 लाख व फव्वारा सिंचाई तकनीक हेतु 1384.05 लाख रुपए कार्ययोजना अनुसार स्वीकृत हुए हैं। उद्यान विभाग द्वारा किसानों को 2121.66 लाख रुपए अनुदान का लाभ स्वीकृत कार्ययोजना अनुसार दिया जाना है। उन्होंने बताया कि ड्रिप, मिनी फव्वारा व फव्वारा सिंचाई तकनीक द्वारा जल बचत के साथ ही जिले की भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक एवं कृषि जलवायु स्थितियां प्रबल रूप से सहायक है। जहां ड्रिप संयंत्र स्थापना से 70 से 80 प्रतिशत तथा फव्वारा संयंत्र की स्थापना से 50 से 55 प्रतिशत तक जल की बचत होती है।
सहायक निदेशक ने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर तथा स्प्रिंकलर संयंत्र स्थापना पर लघु सीमांत कृषक, एससी, एसटी, महिला कृषकों को इकाई लागत का 75 प्रतिशत व अन्य सामान्य कृषकों को इकाई लागत का 70 प्रतिशत तक अनुदान देय होगा। सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापना पर न्यूनतम 0.2 हेक्टेयर व अधिकतम 5 हेक्टेयर तक प्रति लाभार्थी अनुदान दिए जाने का प्रावधान है।
योजना प्रभारी डॉ विजय कुमार बलाई ने बताया कि इच्छुक किसान जन आधार के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन राज किसान साथी पोर्टल पर कर सकते हैं। आवेदन के साथ भूमि की नवीनतम जमाबंदी, राजस्व रिकॉर्ड की प्रतिलिपि, बिजली बिल या जल करार प्रपत्र, मृदा एवं जल परीक्षण रिपोर्ट तथा पंजीकृत डीलर से प्राप्त संयंत्र का प्रोफॉर्मा इन्वॉयस इत्यादि के साथ पत्रावली ऑनलाइन जमा करवा सकते हैं। जिससे इसी वित्तीय वर्ष में योजना का लाभ ले सकें। विस्तृत जानकारी हेतु किसान राज किसान सुविधा ऐप डाउनलोड करें या सम्बन्धित कृषि पर्यवेक्षक-सहायक कृषि अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।

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