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बीकानेर,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार सुबह राजस्थान के सीमावर्ती जैसलमेर जिले में तनोट माता मंदिर में पूजा-अर्चना की. उन्होंने तनोट मंदिर परिसर में पर्यटन विकास कार्य की आधारशिला रखी.गृहमंत्री ने मंदिर परिसर में शिलान्यास समारोह में भाग लिया और पर्यटन विकास कार्य की आधारशिला रखी. इससे पहले उन्होंने तनोट स्थित विजय स्तंभ पर पुष्पांजलि अर्पित की. गृहमंत्री ने कहा कि इस मंदिर को पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा.

इस खबर में ये है खास

‘बम वाली माता’ भी कहते हैं
पाक सेना ने देखा था मां का चमत्कार
पाक ब्रिगेडियर ने चढ़ाया था चांदी का छत्र
‘बम वाली माता’ भी कहते हैं

तनोट माता को बम वाली माता भी कहते हैं. इस मंदिर के चमत्कार को देखकर पाक सेना भी हैरान हो गई थी. 1965 और 1971 के युद्ध में इस मंदिर से जुड़ी कई शौर्य गाथाएं प्रचलित हैं. चमत्कार के वो किस्से कोई मनगढ़ंत कहानियां नहीं, बल्कि सच हैं. और इसका गवाह खुद पाकिस्तान है. भारत-पाक सीमा के करीब स्थित तनोट माता मंदिर का प्रबंधन सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा किया जाता है. यह मंदिर जैसलमेर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

पाक सेना ने देखा था मां का चमत्कार

1965 हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने मंदिर को निशाना बनाते हुए तकरीबन 3 हजार बम गिराए थे. तकरीबन 450 बम तो मंदिर परिसर में किए थे, लेकिन माता के चमत्कार से एक भी नहीं फटा था. ये बम अब मंदिर परिसर में बने म्यूजियम में रखे हुए हैं. 1971 की लड़ाई में भी लोंगेवाला युद्ध के दौरान पाकिस्तानी टैंक मंदिर के पास रेत में फंस गए थे और भारतीय वायु सेना ने उन पर बमबारी कर उन्‍हें तबाह कर दिया था. इस पर आधारित बॉलीवुड फिल्म ‘बॉर्डर’ भी बनी है.पाक ब्रिगेडियर ने चढ़ाया था चांदी का छत्र

1965 के युद्ध के दौरान माता के चमत्कारों को देखकर पाकिस्तानी ब्रिगेडियर शाहनवाज खान नतमस्तक हो गया था. युद्ध के बाद पाकिस्तानी ब्रिगेडियर ने भारत सरकार से तनोट माता मंदिर के दर्शन की अनुमति मांगी. करीब ढाई साल बाद उसे दर्शन को अनुमति मिली. पाक ब्रिगेडियर शाहनवाज खान ने अपने परिवार सहित माता के दर्शन किए और मंदिर चांदी का छत्र भी चढ़ाया, जो आज भी मंदिर में है.

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