बीकानेर, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा की गई बजट घोषणा के अनुसरण में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक कमजोर वर्ग के कॉलेज छात्रों के लिये आवासीय सुविधा हेतु अम्बेडकर डी.बी.टी. योजना प्रारम्भ की गई है। इसके अन्तर्गत राज्य में पांच हजार छात्र लाभान्वित किये जायेंगें।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार ने बताया कि योजनान्तर्गत अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक कमजोर वर्ग के छात्र, जो राजकीय महाविद्यालय की स्नातक अथवा स्नाकोत्तर कक्षाओं में नियमित रूप से अध्ययनरत हैं, उन्हें देय होगा। इच्छुक अभ्यर्थी ई-मित्र या एसएसओ आईडी के माध्यम से विभागीय पोर्टल पर जनाधार कार्ड के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि विधार्थी जिस राजकीय महाविद्यालय में अध्ययनरत है, उस महाविद्यालय द्वारा ऑनलाईन प्राप्त आवेदन पत्रों की जांच कर उपयुक्त आवेदन पत्र जिलाधिकारी, सामाजिक न्याय एवं अधिकाारिता विभाग को भिजवाया जायेगा। इस योजनान्तर्गत अभ्यर्थी को शैक्षणिक सत्र में दो हजार रुपये प्रतिमाह अधिकतम 10 माह के लिये देय होंगे।
*पात्रता के लिए शर्तें*
पंवार ने बताया कि अभ्यर्थी राजस्थान का मूल निवासी व अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछडा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग एवं आर्थिक कमजोर वर्ग का सदस्य हो। एससी, एसटी व एमबीसी के अभ्यर्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय 2.50 लाख, ओबीसी के 1.50 लाख तथा ईडब्लूएस के 1 लाख से अधिक न हो। अभ्यर्थी जिला स्तर पर स्थित राजकीय महाविद्यालय में शैक्षणिक पाठ्यक्रम (एकेडमिक कोर्स) में अध्ययनरत हो तथा उस जिले के नगर निगम, नगर परिषद या नगर पालिका का निवासी न हो। जिन अभ्यर्थियों के माता-पिता व अभिभावक के पास उस शहर या स्थान में स्वयं का मकान पर हो, जहां वह अध्ययनरत है, वे अभ्यर्थी इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे। छात्र को योजना का लाभ अधिकतम पाँच वर्षो के लिये देय होगा। इसके अतिरिक्त जो छात्र सरकार द्वारा संचालित छात्रावास में निवासरत रहकर अध्ययन कर रहे है, उन्हें उक्त योजना का लाभ देय नहीं होगा।