बीकानेर।अहिंसा दिवस के कार्यक्रम के साथ ही शनिवार को अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का समापन हो गया। गंगाशहर स्थित शांति निकेतन में आयोजित यह कार्यक्रम साध्वी मंगल प्रभा के सानिध्य में मनाया गया। आयोजक संस्था अणुव्रत समिति के मंत्री भंवरलाल सेठिया ने बताया कि समिति के महिला प्रकोष्ठ ने मंगलाचरण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्य वक्ता मेमोरी ट्रेनर कमलेश चंद्रा थे।
साध्वी पावन प्रभा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हम अदृश्य हिंसा को तो नहीं रोक सकते मगर संकल्प पूर्वक किसी छोटे से छोटे प्राणी की भी मन वचन व काया से हिंसा ना करने का प्रयास कर सकते हैं। साध्वी उन्नतयशा ने कहा कि आदमी लंबा जीवन जीने, सुख पूर्वक जीने व आजीविका के लिए हिंसा करता है। आदमी विवेक का इस्तेमाल करे तो इस हिंसा को कम किया जा सकता है।
इस दौरान राजेंद्र बोथरा ने अहिंसा गीत की प्रस्तुति दी। मनीष बाफना ने मुख्य वक्ता का परिचय करवाया।
मुख्य वक्ता कमलेश चंद्रा ने कहा कि दूसरों को किसी भी तरह से कष्ट ना पहुंचाना ही अहिंसा है। बच्चों को हतोत्साहित करना भी एक तरह की हिंसा है। उन्होंने विभिन्न रोचक उदाहरणों से अहिंसा की व्याख्या की।
मंत्री भंवर लाल सेठिया ने अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह में मिले सहयोग के लिए सभी का आभार जताया।
कार्यक्रम के अंत में अध्यक्ष राजेंद्र बोथरा, मंत्री भंवरलाल सेठिया, तेरापंथी सभा अध्यक्ष अमरचंद सोनी, आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के ट्रस्टी किशन बैद व दीपक आंचलिया ने मुख्य वक्ता कमलेश चंद्रा का जैन पताका पहनाकर अभिनंदन किया। चंद्रा को साहित्य भेंट किया गया।
कार्यक्रम में जतन लाल दूगड़, मनोज सेठिया, करणी दान रांका, अनिल सेठिया, अशोक बाफना, मांगीलाल बोथरा, हेमराज गुलगुलिया, संजू लालाणी, रेणु रांका, निर्मला बैद, रेणु बाफना आदि उपस्थित रहे। संचालन संतोष बोथरा ने किया।